निगम की चारों डिवीजनों पर गरजते हुए प्रदेश सरकार व मैनेजमेंट के खिलाफ नारे लगाते हुए बरसे कर्मचारी

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Faridabad News, 31 Jan 2022 : आज बिजली निगम फरीदाबाद सर्कल की चारों डिवीजनों पर प्रदेश सरकार की शोषणकारी एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों ने हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित एचएसईबी वर्करज यूनियन के बैनरतले प्रदेश कमेटी के आव्हान पर आगामी 22 फरवरी 2022 की राज्यव्यापी हड़ताल को लेकर निगम के डिविजन कार्यालयों पर दो घन्टे जमकर नारेबाजी की । इस विरोध प्रदर्शन कड़ी में केंद्रीय कमेटी के नेता सतीश छाबड़ी सहित सर्कल सचिव सन्तराम लाम्बा की अगुआई में फरीदाबाद की चारों डिविजन पर जिसमे ओल्ड फरीदाबाद डिवीजन से प्रधान लेखराज चौधरी व सचिव जयभगवान अंतिल, एनआईटी फरीदाबाद से प्रधान विनोद शर्मा व सचिव बृजपाल तँवर, बल्लभगढ़ से प्रधान कर्मवीर यादव व सचिव मदनगोपाल एवम ग्रेटर फरीदाबाद से प्रधान सुनील कुमार व सचिव वीरसिंह रावत के नेतृत्व में चारों डिवीजनों पर कर्मचारियों ने हड़ताल को लेकर बिगुल फूँकते और आक्रोश दिखाते हुए जोरदार प्रदर्शन कर मैनेजमेंट व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए । कर्मचारियों के इस विरोध प्रदर्शन पर प्रदेश महासचिव श्री सुनील खटाना ने पहुंचकर संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारियों ने इस महकमे को घाटे से मुनाफे में उभारा है । कर्मचारीययों ने अपनी जान को जोखिम में डाल निर्बाध बिजली की आपूर्ति कराते हुए प्रदेश में लगे लॉकडाउन को सफल बनाया व इस वैश्विक महामारी की चपेट में था । तो ऐसे समय मे भी बिजली कंपनियों की होने वाली राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में कर्मचारियों ने हरियाणा बिजली निगम को देश मे दूसरे स्थान पर लाकर प्रदेश का नाम रोशन किया । लेकिन बड़े दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है । कि हब देश मे लॉकडाउन था तब हमारी सरकार कर्मचारियों के लिये तोहफे के तौर पर ऑनलाइन ट्रान्सफर पॉलिसी को लाकर कर्मचारियों को कोसों दूर करने का काम किया । इतना ही नही कम संसाधनों के साथ साथ मैन पावर की कमी से जूझते राइट टू सर्विस एक्ट को लागू कर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम किया । इतना ही नही प्रदेश में हजारों कच्चे कर्मचारी जो एक लम्बे समय से जो पक्का होने की राह देख रहे थे सरकार ने उन कच्चे कर्मियों को पक्का करना तो दूर की बात सरकार ने कौशल रोजगार निगम बनाकर कई वर्षों से लगे कच्चे कर्मचारियों के वेतन को भी कम करने व इससे स्थाई भर्ती पर पूर्ण विराम लगाने काम सरकार कर रही है । श्रमिकों के 26 कानूनों को तोड़ मरोड़ कर पूंजीपतियों को 04 कानूनों में तब्दील करने का काम किया व ना तो कोरोना काल मे जान गँवाने वाले बिजली कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा मिला और ना ही वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी को कोरोना वारियर्स का दर्जा प्राप्त हुआ बल्कि सरकार ने इस कोरोना महामारी की आड़ में कर्मचारियों का 18 महीने के डी.ए तक को रोके बैठी है । बिजली बिल संशोधन के नाम पर विभागों का निजीकरण करने पर आमादा है । हमारी मुख्य माँगों में एनपीएस प्रणाली को बंद कर पुरानी पेन्शन बहाली कराना, कच्चे कर्मचारियों को जब तक पक्का नही किया जाता तब तक माननीय सर्वोच्चय न्यायालय के आदेशानुसार समान काम समान वेतनमान देना, कर्मचारियों के लिये पूर्णतः कैशलेस मेडिकल चिकित्सा सुविधा बिना सशर्त लागू करना, एक्सग्रेसिया पॉलिसी लागू करना, फ्री यूनिट्स लागू करना, जोखिम भत्ता देना, क्लेरिकल कर्मियों को वर्दी देना, समुचित टी एन्ड पी सहित संसाधन देना आदि माँगे हैं जिनपर निगम और सरकार चुप्पी साध रहे हैं । आज के इस प्रदर्शन के बाद माँगों के संघर्ष पर जारी आंदोलन में आगामी 08 फरवरी 2022 को प्रदेश के सभी सर्कल कार्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किए जायेंगे ।

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