राष्ट्रीय सम्मेलन में वैश्विक अस्थिरता तथा अनिश्चितता में उभरते बिजनेस माॅडल पर हुई चर्चा

0
865
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 15 Oct 2020 : कोविड-19 महामारी के कारण तेजी से बदलते बिजनेस मॉडल तथा प्रभावों के दृष्टिगत, जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा वैश्विक स्तर पर अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता (वुका) में व्यवसायिक रणनीति पर चर्चा के लिए एक दिवसीय आनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में 215 प्रतिभागियों ने भाग लिया और सम्मेलन विषय पर 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय मुख्य अतिथि तथा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू सत्र विशिष्ट अतिथि तथा मुख्य वक्ता रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की।

प्रबंधन अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष निगम ने अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। इसके बाद प्रो. सुरेश बेदी ने सम्मेलन की विषयवस्तु के बारे में बताया। सम्मेलन का विषय दुनिया के बदलते कारोबारी माहौल के इर्द-गिर्द रहा, जिसमें अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट के कारण बिजनेस लीडर्स को पेश आ रही चुनौतियो पर केन्द्रित रहा।

प्रबंधन अध्ययन के संकायाध्यक्ष प्रो. विक्रम सिंह ने कहा कि सम्मेलन नए वैश्विक वातावरण में नये तौर-तरीकों और नीतियों को सीखने, अनुकूलन और नवाचार करने की दिशा में एक पहल है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और शिक्षाविदों को यह समझना होगा कि अनिश्चित वातावरण के परिणामस्वरूप औद्योगिक परिवर्तन कैसे हो रहा है और व्यापार मॉडल पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है।

इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि सम्मेलन विद्यार्थियों को महामारी जैसी परिस्थितियों से निपटने और व्यापार का प्रबंधन करने के लिए अच्छी रणनीति बनाने के लिए सीखने का अवसर है। कोविड-19 के प्रभाव और विकसित हो रहे नए बिजनेस मॉडल पर उन्होंने कहा कि लगभग सभी व्यवसायों ने अपनी रणनीतियों को बदल दिया है और अपने कामकाज के तौर-तरीकों में बदलाव लेकर आये है। इस प्रकार, भविष्य के बिजनेस लीडर्स को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए इन रणनीतियों को जानना और सीखना होगा।
अपने संबोधन में प्रो. हिमांशु राय और श्री राज नेहरू ने शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि तेजी से बदल रही प्रौद्योगिकियां और बिजनेस मॉडल नई चुनौतियां और अवसर पैदा कर रहे हैं जिनके लिए नवीन और रणनीतिक सोच की आवश्यकता है। श्री राज नेहरू ने कहा कि बदलती परिस्थिति को सही विजन, समझ, स्पष्टता और अनुमानों के साथ अपने पक्ष में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को व्यापक दृष्टिकोण के साथ नई सोच अपनाने की दिशा में काम करना होगा।

प्रो. हिमांशु राय ने कहा कि विजन, आत्मनिरीक्षण, स्पष्टता और अनुकूलन हमें यह पता लगाने में मदद कर सकते हैं कि हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं। उन्होंने विभिन्न कहानियां के माध्यम से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का समस्या के प्रति अपना दृष्टिकोण होना चाहिए। दूरदर्शिता, चिंतनशील मनन तथा उचित विचार-विमर्श के बाद कदम उठाना ही सफलता पाने का मंत्र है। सत्र के समापन पर कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

समापन सत्र में चैधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रो. आर. के. मित्तल मुख्य अतिथि तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रबंधन अध्ययन की प्रोफेसर मधु विज विशिष्ट अतिथि रही। सत्र के समापन पर डॉ. नेहा गोयल ने सम्मेलन का सारांश प्रस्तुत किया और डॉ. गुंजन गुम्बर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here