भारत की शीर्ष कंपनियां खेलों में चैम्पियंस बनाने के लिए लगातार अपना सहयोग एवं प्रोत्‍साहन दे रही हैं

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New Delhi News : भारत विविधताओं की भूमि है, जहाँ जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिभाशाली लोगों की भरमार है। हाल के वर्षों में भारत के खिलाड़ियों ने विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय आयोजनों में अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाई है। फिर चाहे मीराबाई चानू हों या पी. वी. सिंधु या फिर नीरज चोपड़ा, देश के खिलाड़ियों ने अपने-अपने खेलों में अपनी महारथ को साबित किया है।

निश्चित ही यह सफलता उन्‍हें अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़-निश्‍चय की बदौलत मिली है लेकिन उनकी इस कामयाबी में योगदान देने वाला एक और महत्‍वपूर्ण घटक है और वह है उन्‍हें देश में आला दर्जे की विभिन्‍न संस्‍थाओं से मिल रहा जबर्दस्‍त प्रोत्‍साहन। राष्‍ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हम आपको भारत की उन सबसे बड़ी कंपनियों में से कुछ के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍होंने भारत की खेल प्रतिभा को बार-बार बड़ी उपलब्धियाँ पाने के लिये प्रोत्‍साहित करने वालीं विभिन्‍न पहलें की हैं।

एमजी मोटर इंडिया
एमजी मोटर के पास खिलाड़ियों को सहयोग देने की एक समृद्ध विरासत है, जिसे कंपनी ने हाल के समय में खेलों की उभरती प्रतिभा के साथ विभिन्‍न भागीदारियों के माध्‍यम से जारी रखा है। द वडोदरा मैराथन के साथ भागीदारी में एमजी मोटर इंडिया ने पैरालिम्पियन भाविना पटेल को एक पर्सनलाइज्‍ड हेक्‍टर दी, जिन्‍होंने 2020 टोक्‍यो पैरालिम्पिक्‍स में रजत पदक जीता था। कंपनी ने पैरा-एथलीट और अर्जुन पुरस्‍कार विजेता दीपा मलिक को भी अपनी एसयूवी, एमजी एस्‍टर के पर्सनल एआई असिस्‍टेन्‍ट की आवाज बनाया है। कंपनी को खेलों में उभरती महिला प्रतिभाओं का सम्‍मान करने और गोल्‍फर त्‍वेसा मलिक, एथलीट रूपल चौधरी, हॉकी खिलाड़ी खुश्‍बू खान आदि खिलाड़ियों को सहयोग देने के लिये भी जाना जाता है।

मोबाइल प्रीमियर लीग
मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) दुनिया का प्रमुख मोबाइल ईस्‍पोर्ट्स प्‍लेटफॉर्म है, जो यूजर्स को कई कैटेगरीज में 60 से ज्‍यादा गेम्‍स की मुफ्त और पेड प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति देता है, जैसे कि फैंटेसी स्‍पोर्ट्स, स्‍पोर्ट्स गेम्‍स, पज़ल, कैजुअल और बोर्ड गेम्‍स। उद्योग में सबसे आगे रहने के नाते, एमपीएल शतरंज की युवा प्रतिभा वी.एस. रथनवेल को लगातार सहयोग दे रहा है। रथनवेल ने सात साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया था और दस साल की उम्र में ग्रैण्‍डमास्‍टर बन गये। 2011 में वे वर्ल्‍ड अंडर-10 कैटेगरी में तीसरे स्‍थान पर थे। इस भागीदारी से रथनवेल अंतर्राष्‍ट्रीय आयोजनों में मुकाबला कर सके और उन्‍हें वैश्विक स्‍तर पर पहचान मिली। एमपीएल का अंतिम उद्देश्‍य है देश में गेमिंग और ईस्‍पोर्ट्स को सभी की पहुँच में लाना, जिसके लिये गेमर्स को सर्वश्रेष्‍ठ से मुकाबला करने और अपने हुनर से कमाने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है। 2018 में संस्‍थापित, एमपीएल द्वारा एक महीने में लाखों टूर्नामेंट्स की मेजबानी की जाती है और एशिया, यूरोप तथा उत्‍तरी अमेरिका में 90 मिलियन से ज्‍यादा रजिस्‍टर्ड यूजर्स इस पर भरोसा करते हैं।

एडिडास
फुटवियर और एसेसरीज की बड़ी कंपनी एडिडास ने एक नया प्रोडक्‍ट लॉन्‍च किया है, जो मासिक धर्म के दौरान खिलाड़ियों के लिये गेम्‍स खेलना सुविधाजनक बनाता है। नये टेकफिट पीरियड प्रूफ टाइट्स यह सुनिश्चित करने के लिये कंपनी का तरीका है कि टीनेजर्स लड़कियां और महिला खिलाड़ी केवल पीरियड लीकेज के डर से अपने सपने न छोड़ें। एडिडास ने अपने सबसे नये नवाचार के प्रचार के लिये ‘स्‍टे इन प्‍ले’ लॉन्‍च किया है और इस कैम्‍पेन का चेहरा टोक्‍यो ओलम्पिक्‍स की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को बनाया है।

जेएसडब्‍ल्‍यू
स्‍टील की बड़ी कंपनी जेएसडब्‍ल्‍यू को भारत में खेलों के परिदृश्‍य के सुधार की दिशा में अपने सतत् प्रयासों के लिये जाना जाता है। इस समूह ने खिलाड़ियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये बार-बार प्रोजेक्‍ट्स चलाए हैं। इस समूह का प्रमुख प्रयास जेएसडब्‍ल्‍यू स्‍पोर्ट्स एक्‍सीलेंस प्रोग्राम चार धाराओं में 49 खिलाड़ियों को सहयोग देता है, जिनमें ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और भाला फेंक (जेवलिन थ्रोअर) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा शामिल हैं। जेएसडब्‍ल्‍यू ग्रुप टोक्‍यो ओलम्पिक्‍स में भारतीय दल का प्रायोजक था और इसने टोक्‍यो के पदक विजेताओं और उनके कोचेस को 1 करोड़ रुपये तक का नगद अनुदान भी दिया।

टाटा स्‍टील
टाटा स्‍टील के पास लंबे समय से भारतीय खिलाड़ियों को सहयोग देने की विरासत है। इस प्रमुख स्‍टील कंपनी ने बीते दशकों में विभिन्‍न राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय खेल आयोजनों में अनगिनत प्रतिभाशाली लोगों और टीमों की सहायता की है। भारत के कई ओलम्पिक हीरोज़ को टाटा समूह ने रोजगार दिया है, ताकि उनकी प्रशिक्षण सम्‍बंधी और अन्‍य जरूरतें पूरी की जा सकें। टी. सी. योहानान, मर्सी कुट्टन और लैविन्‍हो पिंटो जैसे खिलाड़ियों की सफलता की गाथा में एक महत्‍वपूर्ण अध्‍याय उस प्रोत्‍साहन का है, जो उन्‍हें टाटा समूह में नियुक्‍त होने के दौरान मिला।

भारत को खेलों में उत्‍कृष्‍टता के लिए अभी भी बहुत लंबा सफर तय करना है, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि देश के खिलाड़ियों ने बीते वर्षों में अपना सकारात्‍मक प्रदर्शन दिखाया है। उन्‍हें सभी दिशाओं से बस लगातार प्रोत्‍साहन और सहयोग मिलने की जरूरत है, और एमजी मोटर और टाटा स्‍टील जैसी कंपनियों से निरंतर इसकी अपेक्षा की जाती है।

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