संत गोपालदास ने खून से लिखा राष्ट्रपति को पत्र, कहा- लागू कराइए सुप्रीम कोर्ट का आदेश

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Rohtak news :  गौचारण भूमि के लिए अनशन कर रहे संत गोपालदास ने मंगलवार को खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति, राज्यपाल समेत संत समाज के प्रमुख साधु-महात्माओं को भेजा है। संत ने अपने खून से लिखे पत्र में गौचारण भूमि की गाय की दयनीय हालत को बताया है।

सरकार ने बेच दी गौचारण भूमि
पत्रकारों से चर्चा करते हुए संत गोपालदास ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने गौचारण भूमि को दान स्वरूप दिया था, जिसका कुल रकबा 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ है। गोपालदास ने कहा कि गौचारण भूमि का रकबा 13 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत रह गया है। सरकार ने सरेआम सुप्रीम कोर्ट की सरेआम अवमानना करते हुए बची-कुची जमीन को अन्य कामों में उपयोग कर ली, जिसमें स्कूल, खेल-स्टेडियम, बी.पी.एल. के लिए घर बनावाएं गए। इतना ही नहीं सरकार ने पूंजीपतियों को गौचारण भूमि ओने-पोने दामों पर बेची है, जो केवल और केवस बेजुबां गाय के हक का हनन हैं। गाय का हक सरकार खा रही है और गाय कचरा, यह कहां का न्याय है।

बिगड़ रहा संत गोपालदास का स्वास्थ्य
रोहतक पीजीआई में भर्ती संत गोपालदास का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। संत के शरीर में किटोन लेवल बढ़ा हुआ है। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल में कभी कम तो कभी ज्यादा हो रहा है। इसके आलाव लंबे अनशन से संत के शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता कम होती जा रही है, जिसके निकट भविष्य में गंभीर परिणाम आ सकते हैं।

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