अनवरत प्रयास व दृढ़ता का प्रभाव: ऋषि पाणिनि पर एक नाट्य प्रस्तुति कुंभ मेला, प्रयागराज

0
1938
Spread the love
Spread the love

New Delhi News, 21 Feb 2019 : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के साथ मिलकर दिव्य ज्योति वेद मंदिर ने कुंभ मेले, प्रयागराज में ऋषि पाणिनी के जीवन चरित्र को एक नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। संस्कृत भाषा में प्रस्तुत किए गए इस नाटक द्वारा बताया गया की ऋषि पाणिनि के दृढ़ संकल्प और अनवरत प्रयासों के परिणामस्वरूप संस्कृत व्याकरण का संहिताकरण हुआ। किंवदंती है कि एक ज्योतिषी द्वारा ऋषि पाणिनि के संदर्भ में जीवन भर निरक्षर रहने की भविष्यवाणी की थी। जब पाणिनि को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने अपनी हथेली पर एक ज्योतिषीय रेखा को अंकित करते हुए स्वयं को शिक्षित करने का संकल्प लिया। उन्होंने घोर तपस्या की और भगवान शिव का ध्यान किया। पाणिनि के प्रयासों से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें 14 सूत्रों में संस्कृत के नियमों का ज्ञान दिया, जिसे माहेश्वर सुत्रानी के नाम से जाना जाता है। बाद में नियमों को लिखित रूप दिया गया, जिसे पाणिनी की अष्टाध्यायी कहा जाता है। इस नाटक ने यह संदेश दिया कि जिस प्रकार पाणिनी ने भगवान शिव को गुरु रूप में स्वीकार कर अपने भाग्य को निर्मित किया, उसी प्रकार आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में किए गए प्रयासों द्वारा मानव स्वयं के भाग्य का निर्माण कर सकता है।

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी शैलसा भारती जी ने दृश्य प्रस्तुति द्वारा संस्कृत भाषा की विशिष्टता को प्रभावशाली ढ़ंग से प्रस्तुत किया। संस्कृत भाषा की परिष्कृत संरचना के कारण इसे देवताओं की भाषा स्वीकार किया जाता है। यह सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है जिसने आज तक अपने मूल स्वरूप को संरक्षित रखा है। संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जा सकता है क्योंकि इसमें अन्य किसी भाषा के शब्दों को लेने की आवश्यकता नहीं है।

कार्यक्रम का समापन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सम्पूर्ण शिक्षा कार्यक्रम- मंथन के छात्रों द्वारा मधुराष्टकं पर नृत्य प्रदर्शन के साथ हुआ। मधुराष्टकं रचना पंद्रहवीं शताब्दी के महान संत वल्लभाचार्य द्वारा की गयी थी, यह भक्तिपूर्ण रचना संस्कृत भाषा में प्रभावशाली ढ़ंग से भगवान कृष्ण के सौन्दर्य और गुणों को वर्णन करती है। प्रो एच एन मिश्रा (प्रमुख, भूगोल विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय), प्रोफेसर पी सी उपाध्याय (प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय), कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here