शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर की फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा पुनरुद्धारित (रेस्टोरेशन) मलयालम फ़िल्म “थंप” का कॉन्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के रेड कार्पेट इवेंट में हुआ प्रीमियम-शो

0
389
Spread the love
Spread the love

21 मई – 2022, नई दिल्ली। फ्रांस में आयोजित हो रहे 75वें कॉन्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के शुक्रवार रात हुए रेड कारपेट इवेंट में फ़िल्म सरंक्षण के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त – शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर की फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन, मुम्बई द्वारा रेस्टोरेशन की गई नवीनीकृत और पुनरुद्धारित मलयालम फ़िल्म “थंप” का भव्य प्रदर्शन किया गया।

इस ऐतिहासिक दिन कॉन्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के निदेशक – थियरी फ्रैमॉक्स ने फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन मुम्बई के निर्देशक – शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर और उनकी टीम का स्वागत किया और कहा कि हमें “थंप” जैसी अद्भुत खोज पूर्ण फ़िल्म को कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में स्क्रीन करने पर गर्व है।

समारोह में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर के साथ मलयालम फ़िल्मों की प्रख्यात हीरोईन जलजा और फ़िल्म निर्देशक – प्रकाश नायर रेड कार्पेट पर चल कर आयोजन स्थल पर पहुँचे।

डूंगरपुर ने बताया कि कॉन्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के रेड कार्पेट इवेंट में थंप फ़िल्म का प्रीमियम-शो आयोजित होना भारतीय सिनेमा जगत के लिए रोमांचित करने वाला एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण थाI उन्होंने बताया कि इस वर्ष कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में भारत की कुछ और फ़िल्मों के साथ थंप फ़िल्म का भी चयन होना एवं उसे इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में आमंत्रित करना सचमुच ही भारतीय सिने जगत के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाना है।

शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने बताया कि मलयालम फ़िल्म के सर्वकालीन महान फ़िल्मकार – जी. अरविंदन गोविंदन की इस कालजयी फ़िल्म थंप (1978) का रेस्टोरेशन फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन एवं सिनेटिका डी. बोलोनिया संस्थान, इटली के साथ मिलकर पूरा किया है। इसके पहले 1948 में बनी उदयशंकर की फ़िल्म “कल्पना” का रेस्टोरेशन भी हम सभी ने मिल कर किया था तथा कल्पना फ़िल्म को भी कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में दिखाया गया था। इस प्रकार हम अपनी एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सौभाग्य से थंप (यानि सर्कस का टेंट) को कांस फ़िल्म महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिला है, जो कि भारतीय सिने जगत के लिए एक मील का पत्थर है। थंप फ़िल्म का निर्माण 1978 में के. रवींद्रन नायर की फ़िल्म कंपनी जनरल फ़िल्म्स के बैनर तले किया गया था। यह एक श्वेत श्याम फ़िल्म थी एवं इस फ़िल्म के निर्देशक और पटकथाकार मलयालम फ़िल्म जगत के जाने माने फ़िल्मकार – जी. अरविंदम थे। वे एक उत्कृष्ट निर्देशक होने के साथ-साथ एक सफल संगीतकार भी थे और उन्होंने कई मलयालम फ़िल्मों को अपना संगीत दिया था। थंप फ़िल्म की कहानी सर्कस पर आधारित है, जिसमें एक सर्कस गांव में आता है और बस पूरे फ़िल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है।

थंप फ़िल्म के बारे में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर कहते है जब वे पुणे फ़िल्म इंस्टीट्यूट में डिप्लोमा कर रहे थे, उस वक्त उन्होंने यह फ़िल्म देखी थी और उनका मानना है कि जी. अरविंदन गोविंदन की यह फ़िल्में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। उन्होंने बताया कि इस फ़िल्म के रेस्टोरेशन में चेन्नई की प्रसिद्ध संस्था – प्रसाद कॉरपोरेशन का सराहनीय सहयोग रहा। साथ ही बंगलुरू के अरकाइविसट एवं जी. अरविंदम के पुत्र – रामु अरविंदन का सक्रिय सहयोग भी मिला, जिनके पास अपने पिताजी के कई फ़ोटोग्राफ़्स, स्क्रिप्ट्स और अन्य वस्तुएं संग्रहित थीं।

उन्होंने बताया कि फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन, वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन एवं डी. बोलोनिया की सिनेटिका संस्थान ने वर्ष – 2020 में थंप (1978) के साथ जी. अरविंदन गोविंदन की एक और अनूठी फ़िल्म – कुमूठी (1979) को भी पुनर्जन्म देने का निर्णय लिया था और हमने इन फ़िल्मों का रेस्टोरेशन कर एक नया अध्याय रच दिया। ये फ़िल्में विश्वस्तर की हैं; लेकिन, उस समय जी. अरविंदन गोविंदन की फ़िल्मों को जो रेसपोंस मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। इसलिए, अब हम इन फ़िल्मों को फिर से उनके मौलिक स्वरूप में बहाल कर दुनिया के सामने रख रहें हैं।

फ़िल्मों के महानायक – अमिताभ बच्चन और बालीवूड की मशहूर हस्तियों – मनोज वाजपेयी, बुमन ईरानी, मीरा नायर, अनुराग कश्यप, आदि, ने फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निदेशक – शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर और उनकी टीम को थम्प फ़िल्म के रेस्टोरेशन का काम करने और कॉन्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के लिए उसका चयन होने के लिए बधाई दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि पुरानी फ़िल्मों को फिर से जीवन्त करने के लिए समर्पित होकर काम करने तथा भारतीय फ़िल्म हेरिटेज को बचाने की यात्रा में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर और उनकी टीम का यह कदम फ़िल्म जगत के लिए मील का एक नया पत्थर साबित होगा।

उल्लेखनीय है कि शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर का फ़िल्म हेरिटेज फाउंडेशन फ़िल्म संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहा देश का एकमात्र गैर-सरकारी संगठन है। अमिताभ बच्चन इसके ब्रांड एंबेसडर हैं। फाउंडेशन के सलाहकार परिषद में जानी मानी हस्तियाँ – श्याम बेनेगल, कमल हासन, गिरीश कासरावल्ली, गुलजार, गियान लुका फरीनेल्ली, जया बच्चन, क्रज़िस्टोफ ज़नुसी, मार्क, कुमार शाहनी, आदि, शामिल हैं। डूंगरपुर (राजस्थान) राजघराने के सदस्य – शिवेंद्र सिंह ने फ़िल्म अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रखा है और वे निदेशक आर बालकी की नई फ़िल्म “घूमर” में अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय कर रहें है। इस फ़िल्म में अभिषेक बच्चन और सयामी खेर मुख्य भूमिका निभा रहें हैं। फ़िल्म में शबाना आजमी और अंगद बेदी भी शामिल हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here