दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने दो दिवसीय भव्य आयोजन के द्वारा अपने सालाना श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की भव्य सिल्वर जुबली मनाई

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दिल्ली: अपना वार्षिक सामाजिक-सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विशाल जन्माष्टमी कार्यक्रम के 25 साल पूरे होने के अवसर पर, दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज द्वारा संस्थापित एवं संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान [डी.जे.जे.एस. ] ने दो साल के वर्चुअल समारोहों के बाद, 18 और 19 अगस्त 2022 को, डी.डी.ए. ग्राउंड, सेक्टर -10, द्वारका, दिल्ली में भव्य श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 2022 का आयोजन किया| श्री कृष्ण को ही नहीं, कृष्ण की भी मानें‘ विषय पर आधारित इस दो दिवसीय मेगा इवेंट में रिकॉर्ड तोड़ संख्या में भक्त-श्रद्धालु शामिल हुए व पंडाल दर्शकों से खचा खच भरा रहा। कार्यक्रम की भव्य सफलता इसके महत्वपूर्ण डिजिटल फुट प्रिंट में भी दिखाई दे रही है। डी.जे.जे.एस.यूट्यूब चैनल पर 19 अगस्त 2022, शाम 7:30 बजे [भारतीय समय] से कार्यक्रम की वेब स्ट्रीम पब्लिश कर दी गयी जिसमें लगातार दर्शकों की संख्या बढती जा रही है [https://www.youtube.com/watch?v=byn2R2OopV0]| कार्यक्रम से पहले और उसके दौरान असंख्य अध्यात्म में रूचि रखने वाले लोगों के द्वारा सोशल मीडिया हैण्डलों पर #DJJSJanmashtami का प्रयोग कर रील, शॉर्ट्स और पोस्ट अपलोड की गईं।

‘अध्यात्म केवल बुजुर्गों के लिए है’ इस प्रचलित मान्यता से विपरीत, इस कार्यक्रम ने अपने आकर्षक नृत्य नाटिकाओं और गूढ़ प्रवचनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर युवा दर्शकों को आकर्षित किया। इस आयोजन में न केवल श्री कृष्ण को लेकर समाज में फैली मनगढ़ंत धारणाओं और भ्रांतियों को दूर किया गया बल्कि यह भी समझाया गया कि जन्माष्टमी का पर्व केवल दही-हांड़ी, उपवास या सजावटी झांकीयों तक ही सीमित नहीं है| बल्कि यह भगवान श्री कृष्ण की दिव्य शिक्षाओं को आत्मसात करने और उनके दिखाए आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का पर्व है|क्यों श्री कृष्ण का अवतार लेना एक उत्सव है? श्री कृष्ण की शाश्वत चेतना आज भी आपके जीवन को किस प्रकार दिव्य बना सकती हैं? क्या आप केवल श्री कृष्ण में विश्वास करते हैं या उनकी आगया भी मानते हैं? जन्माष्टमी के मूल पहलुओं को उजागर करते हुए इन सभी प्रश्नों के उत्तरों को विभिन्न माध्यमों से दिया गया|

सुदामाश्री कृष्ण मैत्री [सच्ची मित्रता का बंधन], श्री कृष्ण का विश्वरूप‘, क्रांतिकारी संत मीरा बाई जीकी गाथा, विट्ठल भक्त संत एकनाथ जीकी भक्ति को दर्शाते विभिन्न संगीतमय नाटक; मटकी फोड़ और रासलीला पर नृत्य-नाटिकाएं, गुरु वंदना और श्री कृष्ण की मंगल आरती इस भव्य आयोजन के मुख्य आकर्षण रहे। इन सभी प्रस्तुतियों का सबसे विशेष पक्ष इनमे निहित सेवा भावना थी| गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी कलाकारों में कोई भी इस कला में पारंगत, नाम, प्रसिद्धि व पैसे के लिए काम करने वाला पेड-प्रोफेशनल नहीं था अपितु ये सभी युवा दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के निस्वार्थ, समर्पित, जागृत ब्रह्मज्ञानी शिष्य थे; जिन्होंने समाज कल्याण की भावना से प्रेरित होकर इस कार्यक्रम में अपनी सेवाएँ अर्पित कीं| प्रत्येक प्रस्तुति दिव्य उत्साह व उर्जा से परिपूर्ण रही क्यूंकि प्रस्तुति के पहले सभी कलाकार ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान साधना करते| इस कार्यक्रम में मंच पर एक उच्च दर्जे का अनुशासन देखा गया, युगल प्रस्तुतियों में जो युगल [couples] इन नाट्य प्रस्तुतियों में देखे गए वे वास्तविक जीवन में भी विवाहित हैं|

कार्यक्रममेंभा.ज.पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जे. पी. नड्डा; वी.एच.पी. के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय अलोक कुमार; राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्षएवं पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार विजय सांपला; राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भा.ज.पा. श्याम जाजू;राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा दुष्यंत कुमार गौतम;दिल्ली क्षेत्र भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता; लोक सभा सांसद (दक्षिण दिल्ली) रमेश बिधूड़ी; सांसद, पश्चिमी दिल्ली प्रवेश वर्मा; संगठन मंत्री, भाजपा सिद्धार्थन; विश्व हिंदु परिषद नेता दिने ; पूर्व मंत्री, भा.ज.पा.  हरियाणा जसवंत यादव; सह प्रभारी, भा.ज.पा.  (जम्मू-कश्मीर) आशीष सूद; उपाध्यक्ष, भा.ज.पा.  (दिल्ली) राजीव बब्बर; विधायक, रोहिणी विजेंद्र गुप्ता, आई.ए. एस. अधिकारी सत्यपाल, आई.ए.एस. अधिकारी और निजी सचिव (राज्य मंत्री, संसदीय कार्य मंत्रालय) राजीव वर्मा; पद्मश्री एवं पूर्व सांसद (दिल्ली) जितेन्द्र सिंह शंटी, भारतीय अभिनेता एवं कॉमेडियन सुदेश लहरी व अन्य प्रतिष्ठित लोग भी इसमें शामिल हुए।

भा.ज.पा.  अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कार्यक्रम में अपने विशेष संबोधन में डी.जे.जे.एस. को श्री कृष्ण व उनकी लीलाओं के सच्चे सार से जनता को परिचित कराने के लिए हार्दिक बधाई व धन्यवाद दिया। श्री नड्डी ने कहा – इस मंच से प्रस्तुत नृत्य और नाट्य मंचन तो प्रशंसनीय हैं ही, साथ ही उन नाटकों के सन्दर्भ में दिए गए व्याख्यान भी अत्यंत प्रभावशाली हैं। उन्होंने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने समाज के उत्थान हेतु हजारों सच्चे समाज सुधारकों का निर्माण किया है, जो समाज को जागृत करने के लिए कटिबद्ध हैं|

पार्किंग स्थल से लेकर प्रवेश और निकास चेक प्वाइंट तक कार्यक्रम के प्रबंधन के साथ-साथ परिसर में सुरक्षा और अनुशासन की लोगों ने काफी सराहना की और यह इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण ही बन गया। प्रशंसा पत्र और संवादात्मक बातचीत के माध्यम से इस तरह के भव्य आयोजन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए लोग बड़ी संख्या में आए। दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोग घर बैठे ऑनलाइन वेबकास्ट कार्यक्रम में भी शामिल हुए और टिप्पणियों और सीधे संदेशों के माध्यम से उन्होंने ने कार्यक्रम की सराहना की व अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।

डी.जे.जे.एस. एक गैर-लाभकारी सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है जो विश्व स्तर पर नौ-आयामी सामाजिक सुधारों और कल्याण कार्यक्रमों – लिंग समानता, शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, नशीली दवाओं के दुरुपयोग उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय गायनस्ल सुधार और संरक्षण, आपदा प्रबंधन, विकलांगों और कैदियों के सशक्तिकरण के साथ-साथ कॉर्पोरेट क्षेत्र और युवाओं के लिए कार्यशालाओं के माध्यम से सार्वभौमिक भाई-चारे और शांति की स्थापना के लिए कार्यरत है। डीजेजेएस यूट्यूब चैनल को अभी सब्सक्राइब करें – https://www.youtube.com/c/djjsworld और बेल आइकन दबाएँ।

 

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