शिक्षा के साथ-साथ युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भी पैदा करें शैक्षणिक संस्थान : पवन जिंदल

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Sirsa News, 28 Dec 2021: प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी पवन जिंदल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान शिक्षा के साथ-साथ युवाओं में देशभक्ति का जज्बा भी विकसित करें। इतिहास से सीखकर हमें आत्ममंथन करना होगा और आगे बढऩा होगा। नागरिकों का सर्वांगीण विकास करके एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण सुनिश्चित किया जा सकता है। वे सोमवार को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय एवं हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यातिथि के तौर पर बोल रहे थे। विवि के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने सर्वप्रथम मुख्यातिथि व सांसद का स्वागत किया। स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पवन जिंदल ने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है और समाज में आत्मीयता के भाव को विकसित करके भारत को विश्व गुरु बनाने की ओर अग्रसर किया जा सकता है। उन्होंने आजादी के उपरान्त राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र विकास की अवधारणा पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और कहा कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के साथ-साथ प्रैस भी लोकतंत्र में चौथे स्तंभ के रूप में कार्य करती है।

कार्यक्रम के सहसंयोजक एवं हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष संजय राठी ने बताया कि पन्द्रह अगस्त से पूर्व पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में इस प्रकार के लगभग 30 कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों का आगाज सिरसा के चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय से हुआ है। कार्यक्रम को संबोधित करने हुए राठी ने कहा कि आज हमारा पूरा समाज लगातार अवमूल्यन के दौर से गुजर रहा है जहां हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति गौण हो चुकी है। नौजवानों में समाज और राष्ट्र के प्रति सेवा की भावना जागृत करना समाज के बुद्धिजीवि वर्ग का दायित्व है। समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हम सभी मिल जुलकर उच्च संस्कार और मूल्यों की स्थापना के लिए प्रयास करें। इन्हीं दायित्वों का बोध करवाने के लिए और समाज में एक सकारात्मक माहौल बनाने के लिए हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने इन कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम समाज और राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए छात्रों और युवा पीढ़ी के लिए तैयार कर पाना ही हमारा मिशन है। इस मिशन में सभी विश्वविद्यालयों, कालेजों, राज्य सरकार और समाजसेवी संस्थाओं को जोडक़र विशेषतौर पर मीडिया का सहयोग लेकर हमें एक राष्ट्र के नवनिर्माण का संकल्प लिया है।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के सलाहकार प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि पत्रकारों तथा इतिहासकारों का राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। इतिहास को सल्तनत काल से देखना चाहिए, मुगलों से पहले भी इतिहास था और उसे खोजने तथा जांचने का कार्य शोधार्थी तथा शैक्षणिक संस्थान बेहतर ढंग से कर सकते हंै। उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से प्रतिभागियों को स्वंतन्त्रता सग्राम के उन पहलुओं से अवगत करवाया, जिनका उल्लेख इतिहासकार किन्हीं कारणों की वजह से लिपिबद्ध नहीं कर पाए। उन्होंने सप्त सिन्धु के क्षेत्र तथा वेदों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि भारतीय इतिहासकारों एवं पाश्चात्य इतिहासकारों की अवधारणा का तुलनात्मक विश्लेषण प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वेदों की रचना से पूरी दुनिया प्रभावित हुई और वेद हमें बतलाते हैं कि ज्ञान की यात्रा अंतहीन है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार महाभारत की घटना ने पूरे हिंदुस्तान को एक कर दिया। महाभारत हमें बताती है कि किसी भी सभ्यता व राष्ट्र की प्रगति की यात्रा प्रश्न से शुरू होती है। अर्जुन के प्रश्न पूछने की वजह से ही गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिया गया और इस उपदेश की प्रासंगिकता वर्तमान में भी है।

कार्यक्रम बोलते हुए सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि पत्रकारों के ऊपर समाज को शिक्षित एवं जागरूक करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। उजाला फैलाने के दो तरीके हंै या तो हमें दीपक बनना होगा या फिर दर्पण बनना होगा जो उजाले को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की कोशिश है कि राष्ट्र को प्रगति की ओर अग्रसर किया जाए और महिलाओं को सशक्त किया जाए और इसी उद्देश्य से लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष की गई है। सांसदने कहा कि यदि हम सब अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हैं तो एक अच्छे समाज की स्थापना होती है और एक अच्छे समाज के साथ साथ अच्छे राष्ट्र की भी स्थापना होती है। उन्होंने कार्यालय के प्रतिभागियों को श्रेष्ठ व्यक्तियों तथा महापुरुषों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया। मंच का संचालन डा. मन्जू नेहरा द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. राकेश वधवा, प्रोफेसर विष्णु भगवान, शिक्षकों, गैर शिक्षकों सहित पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, पूर्व सूचना आयुक्त भूपेन्द्र धर्माणी, समाजसेवी सुरेंद्र मल्होत्रा, सर्वजीत मसीता, सुरेन्द्र बैनीवाल चाहरवाला, राजेन्द्र रातुसरिया, जयपाल लाम्बा, सोमबीर, हरिओम मित्तल, बलदेव मल्होत्रा सहित प्रदेश भर से पत्रकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मीडिया को-ऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा भी मौजूद रहे।

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