5 हे राष्ट्र रक्षक, हे वीर सैनिक, बारंबार प्रणाम करो स्वीकार

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New Delhi, 18 Oct 2021: वह सीमा पर जागते हैं, तभी हम अपने घरों में चैन से सोते हैं…
अहिंसा परमो धर्म का मंत्र जपने वाला भारत विश्व के सर्वाधिक ताकतवर देशों में शुमार है.

कई लोगों को यह सिद्धांत परस्पर विरोधी लगता होगा कि आखिर अहिंसा के सिद्धांत का ताकतवर होने और विश्व की सबसे मजबूत सेना, सबसे बहादुर सैनिकों से भला क्या संबंध है?

इसे समझने के लिए हमें महाभारत काल के कुरुक्षेत्र की ओर प्रस्थान करना होगा. कुरुक्षेत्र में जब धर्म युद्ध शुरु होने वाला था, दोनों पक्षों की सेनायें आमने सामने खड़ी थीं, ठीक तभी मोह में पड़कर गांडीवधारी अर्जुन, तब युद्ध करने से विरत हो रहे थे, तब योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें शांति के लिए युद्ध करने को कहा था.
भगवान श्री कृष्ण के पांचजन्य शंख का नाद आज भी भारत याद रखे हुए है, और इसी की परिणति है हमारी भारतीय सेना और विश्व में सर्वाधिक बहादुर हमारे भारतीय सैनिक!

यह वही भारतीय सैनिक हैं, जो देश में शांति के लिए अर्जुन की भांति सदैव अपना ‘गांडीव’ कंधे से लटकाए रहते हैं. कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि अगर सीमा पर सैनिक नहीं होंगे, तो देश में कुछ भी ठीक नहीं होगा.

ना हम चैन से सो पाएंगे, ना हम नौकरी कर पाएंगे, ना हम कोई स्टार्टअप कर पाएंगे, ना हम कहीं घूमने जा पाएंगे, ना ही हम कोई उत्सव ही मना पाएंगे, ना हम कोई भाषण दे पाएंगे, न भाषण सुन पाएंगे…

कहने को तो हर आदमी कुछ ना कुछ काम करता ही है, और उसके काम का अपना महत्व भी है, लेकिन सैनिकों का काम सर्वोपरि है. चूंकि सैनिक अपना प्राण न्योछावर करने को सदा ही तत्पर रहते हैं, वहीं दूसरे किसी भी कार्य में, प्राण न्योछावर करने का तो रिस्क नहीं होता है न!इसलिए हर कोई हमारे सैनिकों को नमन करता है, और करना भी चाहिए… पर कुछ लोग गाहे-बगाहे सवाल भी उठा देते हैं!
कुछ सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा देते हैं, तो कुछ अपने कार्य को सैनिकों से महत्वपूर्ण समझ बैठते हैं…

ऐसे में एक प्रसंग याद आता है.
अभी हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दी फैमिली मैन (The Family Man) नाम से वेब सीरीज रिलीज हुई थी, जिसमें मंझे हुए अभिनेता मनोज बाजपेई मुख्य किरदार में थे.

सीजन 1 के तीसरे एपिसोड में उनका एक सीन याद कीजिए…
देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर एक सैनिक – जासूस की भूमिका में मनोज बाजपेई को उनका एक रिश्तेदार कहता है कि इस सरकारी नौकरी में रखा ही क्या है? ना पैसा है, न अपनी जान की सुरक्षा है… तो श्रीकांत बने मनोज बाजपेई जवाब देते हैं कि अगर सब ऐसे ही सोचेंगे, तो इस देश की रक्षा कैसे होगी? यह देश आगे कैसे बढ़ेगा?

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