गृह मंत्रालय में नौकरी लगवाने के नाम पर 70 लाख रुपए की ठगी के मामले में साइबर थाना बल्लभगढ़ ने आरोपी को किया गिरफ्तार

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फरीदाबाद- साइबर अपराध नोडल अधिकारी डीसीपी नीतीश कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए साइबर थाना बल्लभगढ़ प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार की टीम ने कुछ दिन पहले आरोपी द्वारा गृह मंत्रालय में नौकरी दिलवाने के नाम पर की गई 70 लाख रुपए की ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

एसीपी मोनिका ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम शुभम(28 वर्ष) है जो बिहार के आरा जिले का रहने वाला है और बोकारो तथा वाराणसी में रहता था। आरोपी बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है। आरोपी ने बॉलीवुड फिल्म स्पेशल 26 की तरह ही फरीदाबाद के रहने वाले मोहित तथा उसके जानकारों के साथ नौकरी के नाम पर 70 लाख रुपए की ठगी की थी। फिल्म में जिस प्रकार अक्षय कुमार सरकारी अधिकारी बनकर लाखों करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम देता था उसी प्रकार आरोपी भी सरकारी अधिकारी बनकर भोले भाले लोगों को ठगता है। साइबर पुलिस स्टेशन में 2 अक्टूबर 2022 को धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें डीसीपी क्राइम नीतीश कुमार अग्रवाल ने मामले में आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए थे जिसके पश्चात एसीपी मोनिका के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया जिसमें उप निरीक्षक बाबूराम, धर्मेंद्र, हवलदार देवेंद्र, वीरपाल, सिपाही अंजू, कर्मवीर, रजनीश तथा सागर का नाम शामिल था। साइबर टीम ने साइबर तकनीक की सहायता से कड़ी मशक्कत करते हुए 7 अक्टूबर को आरोपी को रांची से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश करके 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले मंत्रालय के बाहर का सारा इलाका अच्छी तरह से देखा और फेसबुक पर अपनी यश बंसल के नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी बना रखी है जिसपे उसने जॉब्स इन देल्ही नाम से फर्जी पेज बना रखा था। जिसपर उसने गृह मंत्रालय में क्लर्क के पद पर के लिए विज्ञापन डाला।

फेसबुक पर विज्ञापन देखकर पिछले वर्ष 2021 में फरीदाबाद के रहने वाले मोहित ने उसके फेसबुक पेज पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया जिसमें आरोपी ने अपने आप को गृह मंत्रालय का अधिकारी बताया। आरोपी ने मोहित को विश्वास दिलाने के लिए सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके गृह मंत्रालय के फर्जी लैंडलाइन नंबर से मोहित को फोन किया तथा एक फर्जी ईमेल आईडी गृह मंत्रालय की एक फर्जी ईमेल आईडी से मोहित को अपना आईडी कार्ड तथा भर्ती के लिए टेस्ट का लिंक मोहित की मेल आईडी पर भेजा जिससे मोहित को विश्वास हो गया कि यह गृह मंत्रालय की ऑफिशियल ईमेल आईडी है तथा आरोपी सच में गृह मंत्रालय में कार्य करता है। इसके पश्चात आरोपी ने किराए की एक इनोवा गाड़ी हायर की और मोहित के सामने दबदबा जमाने के लिए उसे दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर मिला जिसके पश्चात उसने मोहित को पहले कुछ लोगों को गृह मंत्रालय में भर्ती करवाए गए फर्जी दस्तावेज दिखाए जिससे मोहित का उसके ऊपर विश्वास ओर पक्का हो गया। मोहित ने अपने कुछ दोस्तों व रिश्तेदारों को इसके बारे में बताया जिसके पश्चात वह भी आरोपी के झांसे में आ गए। जिसके पश्चात आरोपी ने अलग-अलग बैंक खातों में मोहित व उसके जानकारों से क्लर्क के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 60 लाख रुपए डलवा लिए। इसके पश्चात आरोपी ने बताया कि उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है। उसने मोहित व उसके जानकारों के फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, आईडी कार्ड तथा सैलरी स्लिप तैयार करके उसे मोहित को व्हाट्सएप पर भेज दिए तथा इसके पश्चात उसने दिल्ली में जगह बदल बदल कर अलग अलग समय बार 10 लाख रुपए कैश ले लिए। आरोपी ने ठगी की वारदात को अंजाम देने के पश्चात आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया जिससे मोहित को शक हुआ और उसने थाने में इसकी शिकायत दी जिसके पश्चात पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 2 एटीएम, 50 हजार रूपए नकद बरामद किए। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी नई दिल्ली से बीकॉम की पढ़ाई की है। आरोपी ठगी से कमाए गए पैसों से खूब अय्याशी करता था। आरोपी ने बिहार में प्रॉपर्टी तथा महंगी गाड़ियां खरीद रखी थी जिसकी अभी जांच की जा रही है। आरोपी हवाई जहाज से सफर करता था तथा महंगे महंगे होटलों में रुकता था। आरोपी अपने दोस्तों के जन्मदिन पर लाखों रुपए उड़ा देता था और महंगे मॉल्स में शॉपिंग करता था। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।

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