फरीदाबाद। गांव दूधौला स्थित श्री विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी में नौकरियों व दाखिलों में रिर्जेवेशन को लेकर अब ग्रामीण लामबंद होने लगे है। इसी कड़ी में ग्रामीणों ने एक महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें यूनविर्सिटी में अभी तक एक भी ग्रामीण को नौकरी नहीं मिलने पर नाराजगी जताई गई। इस महापंचायत में विधायक नयनपाल रावत भी पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों की बातों को ध्यान पूर्वक सुना। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि देश की पहली स्किल यूनिवर्सिटी के लिए ग्राम पंचायत ने लगभग 90 एकड़ जमीन फ्री में सरकार को देने पर सरकार ने ग्रामीणों से उनके बच्चों को नौकरी व कॉलेज में दाखिलों में रिजर्वेशन देने का वादा किया था, लेकिन अभी सरकार ने इस वायदे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने बताया कि श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी में अपने बच्चों को ग्रुप सी और डी की नौकरी दिलाने के लिए उन्होंने विधायक नयनपाल रावत के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
वही ग्रामीणों ने बताया कि पहले उनके बच्चे पंचायत की जमीन को पट्टे पर लेकर खेती-बाड़ी करते थे और घर का पालन पोषण हो जाता था लेकिन अब जमीन भी विश्कर्मा स्किल यूनिवर्सिटी को दे दी है तो उनके लिए रोजगार का संकट भी पैदा हो गया है लेकिन सरकार ने उनसे वादा किया था और अभी तक एक भी बच्चा उनका नौकरी नहीं लगा है, जिसको लेकर उन्होंने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के नाम विधायक नयनपाल रावत को ज्ञापन भी सौंपा था। आज महापंचायत में भी उन्होंने विधायक नयनपाल रावत से गुहार लगाई है कि मुख्यमंत्री तक उनकी बात को पहुंचाएं और उन्हें उनका हक दिलाएं। उन्होंने कहा गांव की पंचायत ने रेनीवेल योजना के तहत भी जमीन दान में दी है। इसलिए उन्हें इस योजना में पानी भी मुफ्त दिया जाए साथ ही इस योजना के तहत स्टाफ भी उनके गांव से लिया जाए। विधायक ने ग्रामीणों की बात सुनते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात करेंगे और उन्होंने पहले भी इस मामले को लेकर विधानसभा में बात उठाई थी जल्द ही उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। वही विधायक नयनपाल रावत में गांव के विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ 51 लाख रुपए की घोषणा भी की ताकि हर गली चौपाल और गांव का सौंदर्यकरण हो सके। इस अवसर पर बीर चंद पहलवान, रमेश शास्त्री, नरेश पंडित, सोहनपाल, गजराज, करतार, लाल सिंह, करतार, बिजेंद्र, हुकम, नत्थी सरपंच, डिप्टी, ज्ञान कौशिक, दिगम्बर चौधरी सहित अनेकों ग्रामीण मौजूद थे।