अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में लिंग्याज विद्यापीठ का विशेष अभियान: महिलाओं की उपलब्धियों को जश्न के रूप में मनाया जाएगा, पूरे माह होंगे विशेष कार्यक्रम

0
617
Spread the love
Spread the love

फरीदाबाद। लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष अभियान शुरू कर रहा है। इस पूरे माह महिलाओं की उपलब्धियों को जश्न के रूप में मनाया जाएगा। इसके तहत लिंग्याज विद्यापीठ की गर्ल-अप टीम गांव-गांव और शहर-शहर जाकर समाज में बदलाव लाने वाली महिलाओं की उपलब्धियों को समाज के सामने लाएगी। इसके तहत कॉलेज में भी कई कार्यक्रम होंगे। अभियान की पहली कड़ी में 3 मार्च को ‘अब पूर्वाग्रह नहीं’ थीम पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता हुई। जबकि इसी तरह आगे ‘संघर्षों का सम्मान’ थीम पर निबंध लेखन प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा ‘नारीत्व का जश्न मनाएं’ थीम पर लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।

स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसिस डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. आनंदप्रकाश पाठक के नेतृत्व में यह अभियान चलेगा। उन्होंने कहाकि लिंग्याज ने यह पूरा माह पूर्वाग्रह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित किया है। देश में कलंक, रूढ़ियों और हिंसा से मुक्त कर समानता के लिए कदम बढ़ाने का का संकल्प लिया है। महिलाओं के योगदान को बनाए रखने, उनकी चुनौतियों की सराहना करने और महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों की सराहना करने के लिए हर साल 8 मार्च को महिलाओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। अभियान के शुभारंभ पर यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर प्रो. जसकिरण कौर ने कहा कि समय बदल रहा है, परंपराएं बदल रही हैं, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य भी बदल रहे हैं। भूमंडलीकरण के प्रभाव से नए दृष्टिकोण और नए मूल्य स्थापित हो रहे हैं, लेकिन महिलाओं की स्थिति में खास बदलाव नहीं आया है। महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले शर्मनाक हैं। एसिड अटैक, लिंगभेद, बाल विवाह, कुपोषण, छेड़छाड़, बलात्कार, यौन शोषण, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या, श्रम ज्यादा और मेहनताना कम, बालश्रमिक बच्चियों के साथ यौन हिंसा, संतान न होने, बेटा न होने पर प्रताड़ना जैसे तमाम अमानवीय व्यवहार का महिलाओं को सामना करना पड़ता है। मेरा केवल यह कहना हैं कि महिलाओं के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें। महिलाएं अपने प्रति हो रहें अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here