जे.सी. बोस विश्वविद्यालय करेगा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी

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Faridabad News, 22 June 2019 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2019) की मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी (एसएफएसटी) के संयुक्त तत्वावधान तथा युनिवर्सिटी आफ साउथ फ्लोरिडा, युनिवर्सिटी आफ साउथ टेक्सेज, इंस्टीट्यूशन आफ मैकेनिकल इंजीनियर्स और अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के सहयोग से 6 से 10 जनवरी, 2020 तक आयोजन किया जायेगा।

विश्वविद्यालय द्वारा आज आज सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डाॅ. राज कुमार ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किये जबकि सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी की ओर से महासचिव डाॅ. अशोक शर्मा ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर सम्मेलन की विवरणिका तथा पोस्टर का विमोचन भी किया गया।

यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जोकि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम-3 (टीईक्यूआईपी) के अंतर्गत प्रयोजित है। इस अवसर पर टीईक्यूआईपी निदेशक डाॅ. विक्रम सिंह तथा विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी सम्मान की बात है। यह सम्मेलन अकादमिक एवं शोध संस्थानों, औद्योगिक विशेषज्ञों, प्रबंधकों, इंजीनियरों इत्यादि के लिए मंच उपलब्ध करवायेगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मौजूदा चुनौतियों के लिए समाधान प्रदान करेगा। यह सम्मेलन शिक्षाविदों और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को भी बढ़ावा देगा तथा हाल में विकसित नवीनतम प्रौद्योगिकीय अनुसंधानों को भी प्रदर्शित करेगा।

कुलपति ने बताया कि सम्मेलन में देश व विदेशों से लगभग 400 शिक्षाविद्, तकनीकीविद् और वैज्ञानिकों के हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में फ्यूजन द्वारा नये अनुसंधान है। इसलिए, यह एक ऐसा विषय है, जिस पर व्यापक चर्चा और परस्पर संवाद की आवश्यकता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, आईएसएफटी-2019 सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत 2011 में हुई थी और अब तक सात अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत सहित अन्य देशों में आयोजित हो चुके है। इस सम्मेलन के आयोजन में 12 देशों की सहभागिता रहती है। प्रतिवर्ष सम्मेलन में लगभग 500 शोध पत्र एवं लेख प्राप्त होते है, जिस पर व्यापक चर्चा की जाती है।

उन्होंने बताया कि सोसायटी फॉर फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी अकादमिक एवं अनुसंधान, उद्यम, इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर से लोग का समूह है, जिनका उद्देश्य अंतःविषय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है। सोसाइटी शिक्षा और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक प्रयासों में व्यवस्थित अध्ययन और अनुसंधान करती है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की हुई है। इस तरक्की के साथ तालमेल बनाये रखने के लिए उद्देश्य से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।

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