अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर विदेश में होने वाले रामलीलाओं का प्रदर्शन दिल्ली में होगा

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नई दिल्ली। आईसीसीआर द्वारा मथुरा रोड स्थित पुराना किला में 18 जनवरी से 21 जनवरी तक अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला का आयोजन होने जा रहा है जिसका उद्घाटन कला एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी करेगी इस अंतरराष्ट्रीय रामायण मेला में राम भक्ति से सरोबोर देश में होने वाले कार्यक्रमों के अलावा विदेश में होने वाले रामलीलाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा। ताकि अयोध्या की तरह पूरी दिल्ली भी राममय हो जाऐ सुबह 11:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक चलने वाली अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला में आने वालों की एंट्री फ्री रहेगी।

इस बार इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, सिंगापुर एवं रसियन फेडरेशन द्वारा वहां होने वाले रामलीला का प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेले में किया जाएगा । आईसीसीआर ‘रामायण परंपरा के माध्यम से दुनिया को जोड़ना’ वाली विषय पर आधारित एक बहुआयामी प्रस्तुति प्रस्तुत करने जा रहा है। जिसमें सात देशों की रामलीला का लाइव बैले प्रदर्शन के अलावा इस चार दिवसीय रामायण मेला में कला और शिल्प प्रदर्शनियों के लिए भी एक मंच होगा। पहले दिन का कार्यक्रम वाराणसी के थिएटर निर्देशक-सह-कवि व्योमकेश शुक्ला द्वारा निर्देशित ‘राम की शक्ति पूजा’ की उपयुक्त थीम पर भारतीय रामायण समूह, वाराणसी द्वारा उद्घाटन प्रदर्शन के साथ शुरू होगा। इस अनूठे प्रदर्शन में महिलाओं को भगवान राम और लक्ष्मण की भूमिकाओं में दिखाया गया है, जो सामान्य जीवित विरासत से बिल्कुल अलग है। इस कार्यक्रम के बाद थाईलैंड के खोन नृत्य मंडली द्वारा रामायण का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें रावण द्वारा सीता के अपहरण के आसपास का दृश्य दिखाया जाएगा।

मलेशिया के ललित कला मंदिर द्वारा अगली शाम प्रदर्शन उनकी रामायण सामग्री में भारतीय नृत्य रूपों की समृद्धि को दर्शाएगा। शाम में लाओस के रॉयल बैले मंडली लुआंग प्रबांग द्वारा ‘फ्रा-लाक फ्रा-लैम’ शीर्षक से एक प्रस्तुति पेश की जाएगी, जो ‘गोल्डन डियर और सीता के अपहरण’ की थीम पर आधारित होगी। इसमें नामचीन कलाकार राम, लक्ष्मण, सीता और रावण के साथ-साथ जटायु (सतायु) और हनुमान की मुख्य भूमिकाएँ, आकर्षक पोशाक डिजाइनिंग, संगीत संगत और तेजी से विकसित होने वाली स्क्रिप्ट के साथ चरित्र निभाते नजर आएंगे।

अगले दिन तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर आधारित प्रसिद्ध कथक नृत्य प्रतिपादक पं. अनुज मिश्रा का नृत्य होगा। कार्यक्रम का भव्य समापन प्रसिद्ध मोहिनीअट्टम नृत्य प्रतिपादक जयप्रभा मेनन द्वारा ‘सीता उवाच’ विषय पर नृत्य प्रदर्शन होगा, जो चुने हुए विषय पर अपना अनूठा सौंदर्यशास्त्र लाने के लिए मशहूर हैं। इसके बाद श्रीलंका के पूर्वी विश्वविद्यालय के स्वामी विपुलानंद इंस्टीट्यूट ऑफ एस्थेटिक्स स्टडीज के छात्र चुने हुए विषय पर एक व्यापक संस्करण प्रस्तुत करेंगे, जबकि सिंगापुर के कल्पवृक्ष समूह की मीरा बालासुब्रमण्यम और स्वाति थिरुनल, दोनों कर्नाटक में उल्लेखनीय हिंदुस्तानी शैली की संगीतमय कविता पर अपना प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगी।

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