मानव रचना की टीम ने टेक्नोशियन 7.0- विश्व रोबोटिक्स चैंपियनशिप में विजेता का खिताब जीता

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फरीदाबाद, 28 जुलाई, 2023 : चार्मवुड विलेज स्थित मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल (एमआरआईएस) के छात्रों ने टेक्नोशियन 7.0- विश्व रोबोटिक्स चैंपियनशिप में पहला पुरस्कार जीतकर जिले का नाम रोशन किया है। चैंपियनशिप का आयोजन ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन (एआईसीआरए) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 25 से 27 जुलाई तक नोएडा इंडोर स्टेडियम में हुआ था। छात्रों की इस उपलब्धि पर स्कूल बेहद गौरवान्वित है।

स्कूल से इस टीम में हृदयांश भट्ट, श्रीका नांबियार और सम्राट राणा शामिल रहे। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) के उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने सभी छात्रों और उनके कोच अमान उल रहमान को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान का मकसद छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है। इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों की रचनात्मकता और प्रतिभा तराशने के लिए बेहद जरूरी है। स्कूल प्रिंसिपल दिवजोत कौर ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों को पढ़ाई के साथ कौशल विषयों का ज्ञान भी दिया जाता है। इसके तहत टिंकरिंग लैब, कोडिंग एंड टेक्नोलॉजी, मीडिया शाला, एग्रीटेक जैसे फोरम शुरू किए गए हैं, जिनके जरिए छात्रों को फ्यूचर स्किल से जोड़ने को काम किया जा रहा है।

20 से ज्यादा देशों से प्रतिभागी हुए थे शामिल

इस विश्व चैंपियनशिप में 20 से अधिक देशों से कुल 1300 से ज्यादा टीमों ने भाग लिया था। इसके तहत प्रतिभागियों ने रोबो सॉकर, रोबो रेस, बॉट्स कॉम्बैट, भूलभुलैया सॉल्वर, ड्रोन रेस, आरसी प्लेन, वॉटर रॉकेट, फास्टेस्ट लाइन फॉलोअर और इनोवेशन जैसी श्रेणियों के तहत कौशल का परिचय दिया। एमआरआईएस चार्मवुड के छात्रों ने वाटर रॉकेट चैलेंज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पहला पुरस्कार हासिल किया है। इस उपलब्धि के लिए उन्हें पदक, ट्रॉफी और 60 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

सबसे ज्यादा एयरटाइम के साथ विजेता बनी टीम

वॉटर रॉकेट चैलेंज के तहत निर्धारित आयामों के साथ एक वॉटर रॉकेट को डिजाइन करना था, जोकि दबाव झेलने में सक्षम हो और जब लॉन्च पैड से इसे लॉन्च किया जाए तो जमीन के स्तर से अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच सके। एमआरआईएस चार्मवुड की टीम ने सबसे ज्यादा एयर टाइम पाकर विजेता का खिताब जीता। सभी प्रतिभागियों को एआईसीआरए और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  भारत सरकार ओर से प्रमाण पत्र भी दिया गया है।

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