नशा पर काबू पाने के लिए हरियाणा सरकार करेगी स्पेशल टास्क फोर्स का गठन: मुख्यमंत्री खट्टर

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Sirsa News : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नशाखोरी बहुत बुरी आदत है,नशा बेचने वालों के खिलाफ हमारी सरकार कड़ी कार्यवाही कर रही  है। पंजाब का युवा नशीली दवाओं से प्रभावित हो रहा है, हम हरियाणा में उसका प्रभाव नही होने देंगे। खासकर बॉर्डर इलाके में से नशे की तस्करी को हम पुलिस के मध्यम से कंट्रोल कर रहे है।अगर पुलिस से सामान्य तरीके से नशा तस्करी कंट्रोल नही हुई तो हम इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करेंगे,हरियाणा के युवाओं को नशे से प्रभावित नही होने देंगे। मुख्यमंत्री आज सांय ‘चाय के साथ चर्चा’ कार्यक्रम के तहत सिरसा के गांव पतली डाबर में सतनाम सिंह के घर पर मीडिया से रूबरू हो रहे थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि फसल वृद्धि के विषय में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खरीफ की धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास, मूंगफली, तिल आदि सहित 14 फसलों के भाव में लागत मूल्य के 50 से 96 प्रतिशत तक वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि लागत मूल्य में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के विशेषज्ञों द्वारा फसल का आंकलन किया जाता है। इसमें फसल की लागत, उस पर खर्च होने वाले खाद व बीज, दवाईयों के अलावा मजदूरी, लागत मूल्य की पूंजी का ब्याज, जमीन का पट्टा आदि शामिल होते हैं।
मुख्यमंत्री ने चाय के साथ चर्चा के दौरान मिल रही समस्याओं बारे बताया कि अधिंकांशत मांगे विकास कार्यों को अधिक करने की आ रही हैं। उन्होंने बताया कि 2017 तक प्रदेश सरकार की ओर से की गई घोषाणाओं में से 80 फिसदी पर काम हो गया है जबकि शेष पर जारी है। उन्होंने बताया कि विकास के मामले में प्रदेश को कभी पीछे नहीं रहने देंगे।
विधानसभा व लोकसभा चुनाव के प्रश्न पर बोले की भाजपा प्रदेश में दोनों तरह के चुनावों के लिए तैयार है,उन्होंने कहा कि दोनों चुनावों के एक साथ होने की भारी उम्मीद है। इस दौरान उनके साथ जिलाध्यक्ष यतिंद्र सिंह, जगदीश चोपड़ा,रेनू शर्मा,अमीर चंद मेहता जिला उपायुक्त प्रभजोत सिंह सहित जिलाभर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
चाय पर चर्चा से पहले मुख्यमंत्री कुछ समय के लिए सतनाम सिंह के घर के बाहर जमा लोगों से मिले मगर उन द्वारा दी गई शिकायतों को नहीं सुना। क्षैत्र के काफी लोग अपने मांग पत्र लेकर आए थे मगर मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का अवसर ही नहीं दिया। इसके बाद वे गांव मोरीवाला में ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम में पहुंचे वहां भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रही।

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