इस दीपावली मनाएं ख़ुशियों की दीपावली

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New Delhi, 14 Nov 2020 : दीपावली वह त्योहार है, जब सभी आपसी भेदभाव को भुलाकर एक साथ दीये जलाकर अपने अंदर की बुराइयों को दूर कर एक नए और उज्ज्वल भविष्य और जीवन की ओर प्रस्थान करने का प्रण लेते हैं। यूं तो हर साल दीपावली के अवसर पर सभी लोग ख़ूब धूमधाम से अपने घरों को दीयों की रौशनी से रौशन कर पटाखे फोड़ते थे! लेकिन, इस साल कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर पटाखे ना जलाने के आदेश देते हुए सरकार ने सिर्फ़ दीयों से ही दीपावली त्योहार मनाने का आग्रह किया है। तो, सरकार के इस फैसले पर हमने जाने कुछ दिल्लीवालों के विचार! आइए जानते हैं कि क्या कहना है दिल्लीवासियों का:

श्री मनोज शर्मा,
एम.डी., आशीर्वाद एडवरटाइज़िंग,
दिल्ली।

मेरे हिसाब से सरकार का पटाखे ना जलाने का यह फैसला एकदम सही है। वैसे भी आज वातावरण पहले से ही इतना प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में पटाखे जलाना तो जैसे आग में घी का काम करेगा। तो, हमें भी एक ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए सरकार के इस फैसले का तहेदिल से सम्मान करना चाहिए।

श्री मनोज कुमार,
असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर,
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय,
भारत सरकार।

वैसे देखा जाए, तो, पहले के समय में भी दीपावली त्योहार को दीये जलाकर और आपस में नाच-गाकर ख़ूब धूमधाम से मनाया जाता था! लेकिन, आज मॉडर्न ज़माने में इसे पटाखों के त्योहार के रूप में ज़्यादा मनाया जाने लगा है। वैसे तो हर साल हम सब दीपावली पर पटाखे फोड़ते ही आए हैं। लेकिन, इस साल कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हमें भी सरकार के पटाखे ना जलाने के इस आदेश का ज़िम्मेदारी से स्वागत और पालन करना चाहिए।

श्री आशीष कंधवे,
संपादक,
गगनांचल पत्रिका,
विदेश मंत्रालय, भारत सरकार।

दीपावली त्योहार है ख़ुशियों का! और, यह ज़रूरी नहीं कि अपनी ख़ुशी को आप सिर्फ़ पटाखे जलाकर ही ज़ाहिर करें! ख़ुशी अकेले मनाने के बदले किसी और के साथ बांटने से ज़्यादा मिलती है। तो, जितने पैसे आप सिर्फ़ कुछ ही मिनटों के पटाखों में उड़ा देंगे; इससे तो बेहतर अपने किसी क़रीबी ज़रूरतमंद जानकर को वो पैसे देकर उन्हें भी अपनी ख़ुशी में शामिल कर लें!

श्रीमति सपना अरोड़ा,
द्वितीय रनर-अप, मिसेज़ इंडिया लिगेसी – 2018

आज दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदूषण के कारण हम लोगों को कई ख़तरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। और, दीपावली के पटाखों का धुआं इस बढ़ती आग में घी का काम करेगा। तो, ऐसे में हमें भी एक ज़िम्मेदार नागरिक होने का उदाहरण देते हुए सरकार के फैसले का सम्मान करना चाहिए। पटाखों में अपने पैसे ख़राब करने की बजाय आप इन पैसों से किसी अनाथालय में पल रहे छोटे बच्चों को कुछ कपड़े या उपहार भेंट कर दें। इससे अच्छी दीपावली शायद और कुछ नहीं होगी!

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