April 30, 2025

गुर्जर महोत्सव के लिए छोटा पड़ गया सूरजकुंड मेला परिसर : रोमी भाटी

0
205874123
Spread the love

फरीदाबाद। दो दिवसीय गुर्जर महोत्सव के समापन दिवस पर आज चार लाख से अधिक संख्या जुटी जिससे गदगद आयोजकों ने कहा कि हम अगले इवेंट के लिए इससे बड़ा क्षेत्र ढूंढना होगा। भीड़ का आलम यह था कि यहां सूरजकुंड मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया और ट्रैफिक चलवाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

शायद आयोजकों और शासन-प्रशासन को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में गुर्जर महोत्सव में लोग जुट जाएंगे। हालांकि इसका ट्रैलर 23 दिसंबर को राहुल गांधी के शहर में होने के बावजूद 50 हजार से ज्यादा लोगों के हुजूम ने दिखा दिया था। आज शनिवार को यहां लोगों की गिनती मुश्किल हो गई। लोगों ने कहा कि इस महोत्सव ने सूरजकुंड मेला की भीड़ को चुनौती दे डाली है। दो महीने बाद यहां लगने वाले मेला की तुलना इस गुर्जर महोत्सव से की जाएगी।
गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट द्वारा आयोजित गुर्जर महोत्सव के समापन दिवस पर मशहूर रैपर एमसी स्कवायर ने लोगों की दिल लूट लिया। उन्होंने चौपाल पर अपनी प्रस्तुतियों ले ले रोम रोम आदि गानों से लोगों को खूब झुमाया। रैपर ने मंच से कहा कि युवा अपना प्रोफेशन चुनें लेकिन उसे कामयाबी तक ले जाएं, फिर चाहे कोई कुछ भी कहे। उन्होंने बुजुर्गों से अपील की कि वह युवाओं को पढ़ाई के सहारे आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। चौपाल पर लोगों की दीवानगी चरम पर थी। यहां दो मंजिला चारपाई को लोग बड़े अचरज से देख रहे थे। उनका कहना था कि आधुनिक समय में लोग बच्चों के लिए डबल स्टोरी बैड तो बनवा रहे हैं लेकिन हम चारपाई पहली बार देख रहे हैं।

यहां बंचारी के नगाड़ों और लोकगीतों को खुद गाते हुए गूजरियां परंपरागत नृत्य कर रही थीं और लोग उनके वीडियो बना रहे थे। वह अंग्रेजी में बोल रही थीं ईस्ट या वेस्ट गुर्जर आर बेस्ट। सम्राट मिहिर भोज के शासन काल के सोने और चांदी के सिक्कों को यहां प्रदर्शित किया गया था। जिन्हें लोग कौतूहल से देख रहे थे। वहीं दहेज एक अभिशाप निवारण समिति ने अपने स्टॉल के जरिए लोगों को दहेज मुक्त शादियां करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि उनकी पहल पर 10 गांवों ने अपने यहां दहेज मुक्त शादियां करनी शुरू की हैं। जिससे समाज में बेटियों की शादियों पर मांग और दिखावा दोनों का चलन रुकेगा।

सैकड़ों की संख्या में लगे स्टॉल्स पर गुर्जर इतिहास से संबंधित पुस्तकें, पांडुलिपियां, वस्त्र, कलात्मक वस्तुएं, गहने, पेंटिंग्स आदि का प्रदर्शन किया गया। यहां इस्कॉन से जुड़े गुर्जर समाज के साधक, सेव अरावली की पर्यावरण सुरक्षा की अपील को लोगों ने सराहा। इसी प्रकार संवाद के मंच से गुर्जर समाज पर खुली चर्चा हुई। जिसमें गुजरी भाषा के उद्भव पर भी सार्थक चर्चा हुई।

गुर्जर महोत्सव की सफलता से गदगद आयोजक
महोत्सव के संयोजक दिवाकर बिधूड़ी ने बताया कि गुर्जर महोत्सव की सफलता इस बात की परिचायक है कि हमारा समाज इस प्रकार के आयोजन के लिए तैयार बैठा था लेकिन उन्हें किसी के शुरुआत करने का इंतजार था। हम सभी अतिथियों के आभारी हैं। सह संयोजक रोमी भाटी ने बताया कि गुर्जर महोत्सव में आए लाखों लोगों का हुजूम बताने के लिए काफी है कि हम अपनी विरासत को संभालने, सजाने और बढ़ाने के लिए तैयार हैं। भाटी ने बताया कि इस महोत्सव के लिए सूरजकुंंड का मेला परिसर छोटा पड़ गया है और अगले महोत्सव के लिए हम इससे भी बड़ा परिसर खोजेंगे। इसकी तैयारियों कल से ही शुरू करेंगे। स्थानीय पार्षद जितेंद्र भड़ाना ने कहा कि मैं यहां मेजबान की भूमिका में हूं। मैं चाहता हूं कि अगली बार यह महोत्सव बहुत विशाल हो।
इस अवसर पर विधायक सुभाष चौधरी, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर, चौ अनंतराम तंवर, चौ रणबीर चंदीला, तिलक राज बैंसला, रणदीप चौहान, शिक्षाविद सी बी रावल, निरंजन नागर, गुर्जर भवन पंचकूला के महासचिव राजबीर सिंह राज, निर्मल डेढ़ा, नीतू श्यामदेव भड़ाना, पूनम लोहिया, एडवोकेट राजेश खटाना, रघुबर नागर, रूप सिंह नागर, रविंद्र भाटी, कुलदीप अधाना, अनिल रावल, ऊधम अधाना आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *