May 5, 2025

आय बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं पशुपालक : उपायुक्त यशपाल

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Faridabad News, 17 Sep 2020 : उपायुक्त यशपाल ने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा पशुपालकों के आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर पशुपालक पशु पालने से लेकर पशु खरीदने तक आर्थिक लाभ ले सकते हैं।

उपायुक्त यशपाल ने बताया कि पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत तीन दुधारू पशुओं से 50 हजार पशुओं की डेरी स्थापना के लिए 5 साल तक के बैंक ऋण का ब्याज विभाग द्वारा वहन किया जाता है। इसके अलावा गौ संवर्धन स्कीम के अंतर्गत पशुपालकों को देसी गायों की (साहिवाल, हरियाणा) डेयरी खोलने पर भी 5 साल तक बिना ब्याज के ऋण की सुविधा उपलब्ध है। अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए भी विभाग द्वारा उपरोक्त योजनाओं के अलावा पशु खरीदने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान की राशि विभाग द्वारा दी जाती है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति के पशुपालन जो शूकर पालन में लगे हुए हैं उनके लिए भी शुकर पालन के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का फायदा दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि इसी वर्ष विभाग ने अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री भेड़ बकरी पालक उत्थान योजना के अंतर्गत पशुपालकों को मुफ्त में 20 मादा बकरी या भेड़ तथा एक बकरा या मेढ़ा दिया जाता है। जिसमें बकरी भेड़ पालकों की आर्थिक उन्नति हो सके। डॉ नीलम आर्य ने बताया कि अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुर्गी पालन योजना भी विभाग द्वारा चलाई गई है। जिसके अंतर्गत 50 मुर्गियां तो मुफ्त में दी जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अच्छी नस्ल की दुधारू भैंस ,गायों की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है और पशुओं को 5 हजार से 30 हजार तक का इनाम भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि दुग्ध प्रतियोगिता योजना में सघन मुर्रा विकास योजना में 18 किलो से 25 किलो दूध तक मुर्रा नस्ल की भैंसों की दूध प्रतियोगिता में 15 हजार से 30 हजार तक के नाम का प्रावधान है। जबकि गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत बिलाही, हरियाणा व साहीवाल गाय की दूध प्रतियोगिता में 8 किलो से 15 किलो दूध पर 5 से 20 हजार रुपये तक इनाम राशि का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पशुपालन क्रेडिट कार्ड योजना भी चलाई गई है। जिसमें स्कीम में दुधारू पशुओं भेड़, मुर्गी व शुगर पालन के लिए बैंकों से ऋण सुविधा उपलब्ध है। इस स्कीम के अंतर्गत 6-7 मासिक किस्तों में पशु पालने के लिए 7 प्रतिशत ब्याज पर बैंक से ऋण उपलब्ध किया जाता है। जिसकी समय पर अदायगी पर तीन पर्सेंट ब्याज सरकार द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने बताया कि पशुपालक उपरोक्त स्कीमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए निकटतम पशु चिकित्सालय में जाकर संपर्क कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

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