April 30, 2025

ग्लोबल स्टिमुलस पैकेज के जरिये बेस मेटल्स को मिला सपोर्ट, कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के बाद भी कीमतों में गिरावट जारी

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New Delhi News, 16 April 2020 : कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता देखी गईं क्योंकि निवेशकों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के कोरोनावायरस प्रकोप से उबरने की अपेक्षित गति पर अपना दांव लगाया। आईएमएफ द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर में कटौती के बाद सोने की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि कई सरकारों द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेज बेस मेटल्स और कॉपर की कीमतों को सपोर्ट कर रहा है। प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटी और करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड

सोना
वैश्विक अर्थव्यवस्था के आउटलुक पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की नकारात्मक रिपोर्टों के कारण मंगलवार को निवेशकों का विश्वास संपत्ति के तौर पर सोने पर दिखा। मंगलवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.8 प्रतिशत बढ़कर 1727.7 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुईं। आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में 3 प्रतिशत तक सिमट सकती है क्योंकि दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट 1930 की महामंदी के बाद से सबसे अधिक गिरावट का कारण बन सकती है।

आर्थिक गतिविधियों में गिरावट को नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पैकेज लागू करने का निर्णय लिया है। अमेरिका ने अपनी अर्थव्यवस्था में $2 ट्रिलियन डालने का फैसला किया है, वहीं यूरोपीय राष्ट्र भी आर्थिक गतिविधियां बनाए रखने के लिए उपाय कर रहे हैं।

चांदीमंगलवार को स्पॉट सिल्वर के भाव 2.33 प्रतिशत बढ़कर 15.8 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुए जबकि एमसीएक्स पर कीमतें 0.58 प्रतिशत बढ़कर 43,756 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।

कच्चा तेल
तेल उत्पादन में कटौती के लिए ओपेक+ देशों के बीच ऐतिहासिक समझौते के बावजूद मंगलवार कच्चे तेल की कीमतों के लिए खराब रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह 20.1 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। पिछले हफ्ते ओपेक और उसके सहयोगियों ने निश्चित समयावधि में उत्पादन को कम करते हुए 19.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक लाने का फैसला किया था।

हालांकि, औद्योगिक गतिविधियों में गतिरोध देखा जा रहा है। विमानन क्षेत्र की मांग और परिवहन के अन्य साधनों पर भी भारी असर पड़ा है।

बेस मेटल्स
जहां भारतीय बाजार बंद रहे, वहीं एलएमई पर ‘लेड’ को छोड़कर बेस मेटल की कीमतें सकारात्मक रही। लेड की कीमतों में 1.57 प्रतिशत की कमी देखी गईं। चीन में मांग में रिकवरी की उम्मीद के बीच प्रमुख केंद्रीय बैंकों के प्रोत्साहन उपायों ने औद्योगिक धातु की कीमतों को समर्थन दिया। मार्च 2020 में चीन में कारखाने की गतिविधियों में मजबूत उछाल के बाद कीमतों को सपोर्ट किया।

हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महामारी के व्यापक प्रभाव के कारण कमजोर अंतरराष्ट्रीय मांग ने कीमतों को प्रभावित किया। इसके अलावा लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी औद्योगिक गतिविधियों पर दबाव रहने की उम्मीद है।

कॉपर
लंदन मेटल एक्सचेंज में मंगलवार को कॉपर की कीमतों के लिए अच्छा दिन रहा। चीन में डिमांड रिकवरी की उम्मीद के बीच कीमतों में 2.86 प्रतिशत की वृद्धि के साथ $ 5163 प्रति टन पर बंद हुआ। चीन दुनिया में तांबे का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

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