May 1, 2025

3 बच्चों का शव मिलने से इलाके में मचा हड़कंप, पिता-चाचा पर शक

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Panchkula News : मोरनी में मंगलवार को 3 बच्चों का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के अनुसार, गांव सारसा से रविवार को तीन बच्चों के लापता होने का मामला सामने आया था, जिनका शव मोरनी के जंगली इलाके में मिला। लापता होने वाले बच्चों में दो भाई और एक बहन है। जिनकी पहचान समीर(11), सिमरन(7) और समर(6) के तौर पर हुई है। बच्चों की हत्या उनके पिता और चाचा पर ने मिलकर की है। दाेनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आज सुबह मोरनी वन क्षेत्र में लाेगों ने तीन बच्‍चों के शव देखे तो क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों ने इस बारे में तुरंत पुलिस का सूचना दी। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची। तीनों बच्‍चों की हत्‍या गाेली मार कर की गई है। पुलिस ने तीनों शव अपने कब्‍जे में ले लिये।

पुलिस को सूचना मिली कि पंचकूला में मोरनी वन क्षेत्र में दो बच्चों के शव हैं। पुलिस ने शवों की पहचान होने पर कुरुक्षेत्र पु‍लिस को सूचना दी तो पता चला कि वे कुरूक्षेत्र के गांव सारसा से गायब हुए तीन बच्‍चों में से हैं। इसके बाद जंगल में छानबीन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे अंदर तीसरे बच्‍चे का शव भी मिल गया। परिवारजनों को तीनों बच्चों की हत्या के बारे में पता चलते ही उनमें कोहराम मच गया।

बच्चों के शव बरामद हुए तो तीनों बच्चों के पिता का फोन बंद आ रहा था। शक के आधार पर कुरुक्षेत्र पुलिस ने पिता सोनू मलिक से कड़ाई से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि तीनों बच्चों की हत्या पिता सोनू मलिक व चाचा जगदीप मलिक ने की है। हत्‍या का कारण अवैध संबंध बताया जा रहा है। बताया जाता है कि सोनू मलिक का किसी अन्‍य महिला से संबंध है और उससे उसके बच्‍चे भी हैं।

मामले की सूचना मिलने के बाद पंचकूला पुलिस की टीम के साथ डीएसपी मनवीर सिंह और अन्‍य अन्‍य अधिकारी वहां पहुंचे। फोरेंसिक टीम भी जांच के लिए पहुंची। पुलिस के अनुसार बच्चों को गोली मारकर हत्या की गई है।

इससे पहले रविवार को बच्चों के गायब होने के बाद पिता सोनू ने उनके अपहरण की आशंका जताई थी। सोनू सोनू द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया था कि यदि बच्चे मर्जी से गए होते तो किसी किसी तरह वे संपर्क कर लेते। उसका कहना था कि बड़े बेटे समीर को परिजनों के सभी मोबाइल नंबर याद हैं। वह उनसे संपर्क जरूर करता, लेकिन जब देर शाम तक बच्चे नहीं लौटे तो उनकी चिंता बढ़ गई। परिवार को आशंका जताई थी कि कि घर से निकलने के बाद बच्चे किसी गिरोह या गलत आदमी के हाथ लग गए हों।

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