May 11, 2025

गर्भावस्था के 8वें माह में एच1एन1 से पीड़ित 34 वर्षीय महिला ने स्वस्थ जुड़वां शिशुओं को जन्म दिया

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Faridabad News, 11 May 2019 : फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद के डॉक्टरों ने 34 वर्शीय पूजा का, जो कि गर्भावस्था के 8वें महीने में एच1एन1 से पीड़ित थी, सफल उपचार किया है। पूजा को तेज बुखार, नकसीर और पेट में तेज दर्द की षिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉ. इंदु तनेजा, एचओडी एवं सीनियर कंसल्टैंट, ऑब्सटैट्रिक्स एवं गाइनीकोलॉजी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने पूजा का सफल इलाज किया और उसे स्वास्थ्य लाभ तथा सुरक्षित प्रसव का लाभ दिलाया।

अस्पताल में भर्ती होने पर पूजा की पूरी मेडिकल जांच की गई जिससे उन्हें एच1एन1 (स्वाइन फ्लू पॉजि़टिव) की पुश्टि हुई। मरीज़ के शरीर में प्लेटलेट काफी कम हो चुकी थीं। वह आठ माह के गर्भ से थी और जुड़वां बच्चे उनके गर्भ में पल रहे थे। इस बीच, पूजा के षरीर में इंफेक्षन फैलने लगा था जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। फेफड़ों की क्षमता प्रभावित होने से षिषुओं को भी कम ऑक्सीजन मिल रही थी, ऐसे में मां और बच्चों का जीवन बचाने के लिए इमरजेंसी सीज़ेरियन डिलीवरी करायी गई। मरीज़ को सर्जरी के दौरान प्लेटलेट और ब्लड भी चढ़ाना पड़ा। यह काफी जोखिम वाला मामला था क्योंकि मरीज़ के षरीर में प्लेटलेट्स काफी कम हो चुके थे और साथ ही वे तेज बुखार से जूझ रही थी। उस पर गर्भ में जुड़वां बच्चों का होना तथा सांस लेने में कठिनाई भी मामले को गंभीर बना रही थी।

डॉ इंदु तनेजा, एचओडी एवं सीनियर कंसल्टैंट, ऑब्सटैट्रिक्स एवं गाइनीकोलॉजी ने कहा, ’’गर्भवती महिलाओं को, खासतौर से गर्भावस्था के तीसरी तिमाही में, स्वाइन फ्लू की आषंका काफी अधिक होती है। गर्भावस्था के दौरान स्वाइन फ्लू मां और बच्चे की सेहत के लिए गंभीर खतरा होता है। इसकी वजह से गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं जैसे समयपूर्व प्रसव आदि की संभावना बढ़ जाती हैं। फोर्टिस में हमारी टीम इस प्रकार की जटिलताओं से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। पूजा के उपचार के दौरान, विभिन्न विभागों जैसे कि पल्मोनोलॉजी, नियोनेटोलॉजी और क्रिटिकल केयर ने भरपूर सहयोग दिया और पूरी उपचार प्रक्रिया को सुगम बनाया।‘‘

स्वस्थ होने पर पूजा ने कहा, ’’मुझे विष्वास नहीं हो रहा कि आज मेरे नवजात मेरे साथ हैं। इस मातृत्व दिवस पर मेरे पास मेरे खूबसूरत बच्चे हैं जो बिल्कुल स्वस्थ हैं। मेरे लिए वाकई बड़ा मुष्किल समय था। मैं काफी कमजोर और असहाय महसूस कर रही थी। मैं हर हाल में अपने बच्चों को बचाना चाहती थी लेकिन इंफेक्षन फैल चुका था जिसकी वजह से मैं खुद काफी जोखिमग्रस्त और अस्वस्थ हो गई थी। लेकिन मैंने अपने बच्चों के लिए भरपूर संघर्श किया, जैसा कि हर मां करती है। मेरा समय बेषक, मुष्किलों से भरा था लेकिन अब उनके साथ मैं खुद को बेहद खुषहाल मानती हूं।‘‘

श्री मोहित सिंह, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल, फरीदाबाद ने कहा, ’’इस तरह के मामले काफी दुर्लभ होते हैं। हमें एच1एन1 के दुश्परिणामों को पूरी तरह से समझने की जरूरत है। स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीज़ की डिलीवरी कराना बेहद जटिल होता है लेकिन इस मामले में हमारे विषेशज्ञों की टीम ने न सिर्फ परस्पर तालमेल के साथ काम किया बल्कि सर्वोत्तम परिणाम भी हासिल कर दिखाया। यह मदर्स डे हमारे लिए बेहद खास है और हम दो अजन्मे षिषुओं तथा उनकी मां का बहुमूल्य जीवन बचाने में सफल रहे हैं। हमें खुषी है कि इस मदर्स डे को यह मां अपने बच्चों के साथ मना सकेंगी और आगे भी मनाती रहेंगी।‘‘

हाल में, भारत के कई राज्य स्वाइन फ्लू की महामारी की चपेट में आए। एच1एन1 स्वाइन फ्लू के लक्षण किसी भी सामान्य फ्लू की तरह होते हैं और मरीज़ को बुखार, खांसी, गले में दर्द, नाक बहना, षरीर में दर्द, सिर दर्द, कंपकंपी होना तथा थकान जैसी षिकायतें पेष आती हैं। स्वाइन फ्लू से पीडि़त बहुत से लोगों को डायरिया या उल्टी आने की षिकायत भी होती है, और इस तरह आपको या आपके डॉक्टर को सिर्फ लक्षणों से यह कभी पता नहीं चलता कि आपको स्वाइन फ्लू हुआ है।

फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड के बारे में
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड भारत में अग्रणी एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हैं। कंपनी की स्वास्थ्य सेवाओं में मुख्य रूप से अस्पताल, डायग्नॉस्टिक्स तथा डे केयर स्पेष्यलिटी सुविधाएं षामिल हैं। वर्तमान में, कंपनी की स्वास्थ्य सेवाएं भारत के अलावा दुबई, मारीषस और श्रीलंका में उपलब्ध हैं जहां फोर्टिस की कुल 45 स्वास्थ्य सुविधाएं (उन परियोजनाओं सहित जिन पर काम जारी है), लगभग 10,000 संभावित बिस्तरे और 392 डायग्नॉस्टिक सेंटर कार्यरत हैं।

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