May 3, 2025

पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी ने दिल्ली सरकार से मिलाया हाथ

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डी.ईवी.आई. ‘(D.EV.i)’ इलेक्ट्रिक बस सेवा का पहला चरण हुआ प्रारंभ, माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अंतिम सिरे तक कनेक्टिविटी बढ़ाने दिखाई हरी झंडी

डीईवीआई इलेक्ट्रिक बसें डीटीसी और क्लस्टर बस नेटवर्क को सपोर्ट करने फीडर सेवा के रूप में कार्य करेंगी

इन बसों से दिल्ली में अगले 10 वर्षों में लगभग 5,600 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन रोका जा सकेगा

नई दिल्ली, भारत – 2 मई, 2025 – हरित परिवहन की दिशा में एक नए युग की शुरुआत करते हुए दिल्ली सरकार ने आज ‘डीईवीआई (देवी या दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज)’ परियोजना के तहत आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल बसों के नए बेड़े को सड़क पर उतार दिया है। इन बसों का निर्माण भारत की अग्रणी इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी ने किया है।

दिल्ली सरकार की ‘डीईवीआई’ (देवी) इलेक्ट्रिक बस पहल के शुभारंभ के दौरान नौ मीटर लंबाई वाली 255 पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक पीएमआई बसों को माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर माननीय केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री पंकज सिंह और भारत सरकार में माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान समेत दिल्ली के सम्माननीय सांसद और जीएनसीटीडी के कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहे।

यह पहल दिल्ली सरकार की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है जिसके अंतर्गत 2025 से 2026 के बीच 2,080 (9 मीटर) इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसें शुरू की जाएंगी। इसका उद्देश्य शहर के सार्वजनिक परिवहन बेड़े के 80% को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करना है। इस योजना के तहत 1,456 (नौ मीटर) पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी बसें तैनात की जाएंगी, जो आराम, सुविधा और पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई हैं। यह बसें सुविधाजनक परिवहन के साधन के तौर पर राजधानी को स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इन 255 (9 मीटर) देवी बसों में से प्रत्येक को पीएमआई इलेक्ट्रो ने यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देते हुए निर्मित किया है। 23 सीटों वाले इस बस डिजाइन में 6 पिंक सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, ऑटोमेटेड रैम्प के साथ व्हीलचेयर स्पेस, लो-फ्लोर डिजाइन, और “नीलिंग” तकनीक जैसी विशेषताएं हैं, जिससे बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों को चढ़ने-उतरने में सुविधा मिलती है। अन्य सुविधाओं में रीयल-टाइम डायग्नोस्टिक्स, ऑटोमेटिक यात्री गणना, और एयर सस्पेंशन शामिल हैं। ये बसें कुशक नाला और ईस्ट विनोद नगर डिपो से संचालित होंगी, जिससे बसें दिल्ली की व्यस्त कॉलोनियों और मोहल्लों में प्रभावशाली संचालन कर सकेंगी।

पीएमआई की जेंडर इनक्लूसिविटी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए डीईवीआई बेड़े में महिला ड्राइवर भी शामिल की गई हैं — यह भारत के ग्रीन मोबिलिटी इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।

पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की सीईओ डॉ. आंचल जैन ने डीईवीआई पहल की उपलब्धि के इस अवसर पर कहा, “एक दिल्लीवासी के रूप में अपनी राजधानी के सतत भविष्य में योगदान देना मेरे लिए गर्व की बात है। पीएमआई में हम हमेशा देश को स्वच्छ और पर्यावरण-संवेदनशील सार्वजनिक परिवहन की ओर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। डीईवीआई प्रोजेक्ट इसी प्रतिबद्धता का विस्तार है, जिसके जरिये हम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को हर नागरिक के लिए सुलभ, विश्वसनीय और समावेशी बना रहे हैं। हमारी बसों ने देशभर में अब तक 20 करोड़ से अधिक ग्रीन किलोमीटर पूरे किए हैं और अब डीईवीआई बस पहल के साथ हम यह अनुभव और विशेषज्ञता अपने घर दिल्ली लाए हैं।”

पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की स्थापना एक ही उद्देश्य के साथ की गई थी: भारत के हर कोने तक ग्रीन मोबिलिटी को सुलभ बनाना। आज, पीएमआई 31 शहरों में अपनी उपस्थिति और देश के प्रमुख क्षेत्रों में 2,500 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के साथ इस लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है — उत्तर में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लेकर, पूर्व में पश्चिम बंगाल और ओडिशा, दक्षिण में केरल, तथा पश्चिम में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा तक। पीएमआई प्रतिदिन लगभग 1,00,000 शून्य-एमिशन किलोमीटर की दूरी तय करता है और बड़े पैमाने पर टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की परिभाषा को लगातार नया रूप दे रहा है।

मोबिलिटी से परे जाकर 1,00,000 बायोडिग्रेडेबल बीज कार्ड वितरित करने वाले “पीएमआई ग्रीन रूट्स” प्रोग्राम और महिलाओं के नेतृत्व वाले बैटरी असेंबली प्लांट जैसी पहल, हरित अर्थव्यवस्था के भीतर पर्यावरणीय प्रबंधन और लैंगिक समावेशिता के प्रति इसकी व्यापक प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

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