महिला सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक पहल बना सरस आजीविका मेला

- हरियाणा में तमिलनाडु की पारंपरिक कला को मिल रहा नया बाजार, मेले में कांचीपुरम साड़ियों को मिल रहा खास आकर्षण


फरीदाबाद, 30 दिसंबर।
उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा के निर्देशानुसार और सीईओ जिला परिषद शिखा के मार्गदर्शन में सेक्टर-12 एचएसवीपी ग्राउंड में आयोजित स्वदेशी उत्सव एवं सरस आजीविका मेला में देश के विभिन्न राज्यों से आए स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। इसी क्रम में तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले से आई लता ने जानकारी दी कि वह मेले में कांचीपुरम की प्रसिद्ध पारंपरिक साड़ियां लेकर आई हैं। लता ने बताया कि वह “शक्ति” स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं और इस मेले में भाग लेकर उन्हें बेहद अच्छा महसूस हो रहा है।

मेले को लेकर अपने अनुभव साझा करते हुए लता ने कहा कि सरस आजीविका मेले जैसे मंच से उन्हें अपने उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रदर्शित करने और नए ग्राहकों तक पहुंचने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांचीपुरम साड़ियां अपनी उत्कृष्ट बुनाई, शुद्ध रेशम और पारंपरिक डिजाइनों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। मेले में आने वाले लोग कांचीपुरम साड़ियों में विशेष रुचि दिखा रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

लता ने बताया कि यहां प्रतिभागियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। स्टॉल व्यवस्था, आवास, स्वच्छता, पेयजल और सुरक्षा की उचित व्यवस्था की गई है, जिससे बाहरी राज्यों से आए प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मेले के दौरान उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं आई है।

उन्होंने हरियाणा सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन लगातार होते रहेंगे, जिससे स्वयं सहायता समूहों को और अधिक प्रोत्साहन मिल सके।