बड़ौली-प्रहलादपुर में तोडफोड कर अंग्रजी शासन की याद दिला रही भाजपा: रोहित नागर

तिगांव विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी ने धरना-प्रदर्शन को दिया समर्थन

फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी रोहित नागर ने भाजपा शासन पर तानाशाही अपनाने का आरोन लगाया है। उन्होंने कहा कि तिगांव क्षेत्र के गांव बड़ौली  व प्रहलादपुर में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा बिना नोटिस दिए सुबह सवेरे ही 6 बजे गांव में की गई तोडफोड ने अंग्रेजी शासन की याद ताजा कर दी। उन्होंने कहा कि गांव वासियों की जमीन को मात्र 645 रूपये प्रति गज के हिसाब से अधिग्रहण कर 2 लाख रूपये गज बेचना दर्शाता है कि यह सरकार आम-गरीब किसान विरोधी सरकार है। सरकार के इस तुगलगी फरमान को कतई सहन नहीं किया जाएगी और भविष्य में किसी भी प्रकार की तोडफोड का कडा विरोध किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि वह अपने समर्थकों के साथ पूरी तरह से गांव वासियों के साथ खडे हैं और तोडफोड का डटकर विरोध करेंग। रोहित नागर आज गांव बडौली में घर बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। धरना-प्रदर्शन में बड़ौली-प्रहलादपुर के सेक्टर 70 व 80 के अलावा आसपास के कई गावों के भारी संख्या में लोग मौजूद थे। इस दौरान ग्राम वासियों ने विरोध स्वरूप जमकर नारेबाजी की।
तिगांव विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रोहित नागर ने तानाशाही भाजपा सरकार लोगों पर जुल्म ढ़ा रही है। गांव बड़ौली- प्रहलादपुर में पिछले 40 साल से लोग बसे हुए हैं और बाप-दादा लाई जमीन है लेकिन अब सरकार उन्हें बेघर कर उजाडने पर तुली है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की तानाशाही नहीं चलने देंगे और न्याय-अन्याय की इस लडाई में आखरी दम तक लडऩे का काम करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि एकता में बडी शक्ति है और जनशक्ति के आगे बडी से बडी सरकारों को झुकना पडा है, इसलिए सभी एकजुट हो संघर्ष के इस मैदान में डट जाओ। उन्होंने कहा कि गांव बड़ौली- प्रहलादपुर अकेले नहीं हैं आज विपदा की इस घडी में पूरा तिगांव विधानसभा क्षेत्र और समूचा जिला उनके साथ खडा है। उन्होंने कहा कि आज राजनैतिक दल की बात नहीं है और न वह राजनीति कर रहे हैं लेकिन वह तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं इसलिए अपने लोगों पर आई इस विपदा में वह इस सघर्ष में अगुवा की भूमिका का निर्वहण करेंगे और किसी भी प्रकार के आंदोलन और संघर्ष में वह ग्रामीणों के साथ खडे हैं चाहे उन्हें कितना ही बडा आंदोलन क्यों न चलाना पडे।