पारंपरिक नृत्य शैलियों से आई.आई.टी.एफ़. - 2025 में दिखी वृहद् भारतीय संस्कृतियों की मनमोहक छटा

New Delhi : दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे साल के सबसे प्रतीक्षित और प्रतिष्ठित आयोजन - भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के 44वें संस्करण में आगंतुकों को मिल रहा देश की विभिन्न वृहद् संस्कृतियों और परंपराओं से रूबरू होने का अवसर!

इस मेले में विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से आए हुए भागीदार जहाँ एक ओर अपने-अपने शहरों, राज्यों और देशों की अनूठी कलाओं को तो, दर्शाते ही हैं; वहीं दूसरी ओर यहाँ पर आने वाले आगंतुकों के मनोरंजन के लिए इस मेले में प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का मंचन भी किया जाता है।

इसी कड़ी में फ़ॉउंडेशन फ़ॉर कृष्ण कला एंड एजुकेशन सोसायटी, नोएडा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक भव्य एवं आकर्षक फ़ैशन शो और भारतीय शास्त्रीय लोक संगीत से सजी शानदार प्रस्तुति ने उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक मंचन में विभिन्न भारतीय राज्यों की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपराओं की मनमोहक झलक प्रस्तुत की गई।

कार्यक्रम में विजराज मर्चेंडाइज़र कंपनी के सहयोग से आयोजित इस फ़ैशन शो का संचालन एवं कोरियोग्राफ़ी श्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा की गई, जबकि संगीत-नृत्य की कोरियोग्राफ़ी जानी-मानी कथक एक्सपोनेंट - डॉ. अनु सिन्हा ने संभाली।

प्रस्तुति में बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, असम, उत्तराखंड, कश्मीर, पंजाब सहित कई राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा, संगीत और नृत्य शैलियों को बेहद सुसज्जित रूप में मंचित किया गया। पारंपरिक परिधानों की विविधता और क्षेत्रीय कला का सौंदर्य दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।