जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में सतत विकास लक्ष्यों पर एक दिवसीय कार्यशाला
- दैनिक जीवन में छोटे-छोटे प्रयासों से सतत विकास को बढ़ावा देना होगा: कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार
फरीदाबाद, 15 अक्टूबर 2025 – जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें उच्च शिक्षा और व्यावसायिक नैतिकता में सतत प्रथाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया। इस कार्यशाला का आयोजन डीन ऑफ इंस्टीट्यूशंस के कार्यालय द्वारा किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रो. मुनीश वशिष्ठ, डीन ऑफ इंस्टीट्यूशंस के स्वागत सम्बोधन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया और शैक्षणिक एवं व्यावसायिक व्यवस्था में एसडीजी को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदमों के माध्यम से सतत विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी योजनाओं को एसडीजी के साथ संरेखित करने और संसाधनों के उपयुक्त उपयोग को सुनिश्चित करने की बात कही। साथ ही, उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्मार्ट समाधानों पर भी बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा से प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) डॉ. बी.पी. सुनेजा ने सतत विकास और व्यावसायिक नैतिकता विषय पर अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने सततता को आगे बढ़ाने में नैतिक जिम्मेदारियों को महत्वपूर्ण बताया।
विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर संदीप ग्रोवर ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के योगदान पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों की सतत प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अजय रँगा ने शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के साथ एसडीजी की मैपिंग विषय पर सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें शैक्षणिक पाठ्यक्रम और संस्थागत प्रथाओं में एसडीजी को शामिल करने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला का समापन मनीष गुप्ता, उप-रजिस्ट्रार (संबद्धता और पंजीकरण), द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।