"आत्मनिर्भर भारत" एवं "वोकल फॉर लोकल" की नीतियों और स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को प्रोत्साहित कर रहा 'आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी दीपावली मेला'

- सूरजकुंड में 'आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी मेला' थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है दूसरा भव्य दीपावली मेला


- 'स्वदेशी अपनाएं–आत्मनिर्भर भारत बनाएं'

फरीदाबाद, अक्टूबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" एवं "वोकल फॉर लोकल" की नीतियों को सशक्त बनाने तथा स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार और हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से इस वर्ष फरीदाबाद जिला के सूरजकुंड में दूसरा भव्य दीपावली मेला 'आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी मेला' थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन व हरियाणा पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा की देखरेख में आयोजित किए जा रहे इस मेले का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों, महिला स्वयं सहायता समूहों तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकें। यह मेला भारतीय परंपरा, संस्कृति और स्वदेशी उद्यम को बढ़ावा देने की दिशा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है।

स्वदेशी अभियान को बढ़ावा देकर ही भारत को बनाया जा सकता है 'आत्मनिर्भर' : पर्यटन मंत्री
 हरियाणा पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने बताया कि स्वदेशी अभियान को बढ़ावा देकर ही भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाया जा सकता है। स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से जहां एक ओर हमारा पैसा हमारे देश में रहेगा वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को उनके उत्पाद का लाभ मिलेगा। सूरजकुंड में आयोजित हो रहे 'आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी मेला' में स्थानीय हस्तशिल्प, लोककला और परंपराओं को बढ़ावा मिल रहा है जिससे यह आयोजन न सिर्फ शॉपिंग फेस्टिवल है बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है जो पारंपरिक लोक संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहा है। इस  मेले में ड्रेस, ज्वेलरी, होमडेकोर, गिफ्टस एवं हस्तशिल्प आदि वस्तुएं प्रदर्शित की गयी हैं। इस आयोजन के माध्यम से महिला उद्यमियों, कलाकारों और कारीगारों को आर्थिक आत्मनिर्भरता एवं सामाजिक पहचान मिली है। नागरिक  "आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी दीपावली मेला" में  'स्वदेशी अपनाएं–आत्मनिर्भर भारत बनाएं' के संकल्प को सशक्त करते हुए स्थानीय कारीगरों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं।

दीपावली मेले की प्रमुख विशेषताएं :
* हस्तनिर्मित दीये, मिट्टी के दीपक एवं सजावटी सामग्री।

* खादी, हैंडलूम, बांस एवं लकड़ी के स्वदेशी उत्पाद।

* महिला समूहों द्वारा निर्मित घरेलू सामग्री एवं पारंपरिक मिठाइयां।

* पर्यावरण अनुकूल (इको-फ्रेंडली) सामग्री की विशेष प्रदर्शनी।

* सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं लोक कलाओं का मंचन।

'आत्मनिर्भर भारत–स्वदेशी मेला' के उद्देश्य :
* स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना।

* स्थानीय कारीगरों व शिल्पकारों की आजीविका सुदृढ़ करना।

* बाहर से आयात किए जाने वाले सामान पर निर्भरता कम करना।

* भारतीय परंपरा व संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन करना।

* 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण में सक्रिय योगदान देना।