प्रो. राजीव कुमार ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलगुरु का कार्यभार संभाला 

- विश्वविद्यालय के आठवें कुलगुरु (कुलपति) बने  प्रो. राजीव कुमार 

फरीदाबाद, 11 सितंबर 2025 : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के पूर्व सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने आज जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के आठवें कुलगुरु के रूप में पदभार ग्रहण किया। 

हरियाणा राज भवन, चंडीगढ़ द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार प्रो. राजीव कुमार की यह नियुक्ति हरियाणा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. असीम कुमार घोष द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है। प्रो. राजीव कुमार ने प्रो. सुशील कुमार तोमर का स्थान लिया है, जो 22 फरवरी, 2022 से कुलगुरु के रूप में कार्यरत थे।
पदभार ग्रहण करने पर प्रो. राजीव कुमार का कुलसचिव प्रो. अजय रँगा, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार  और विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय, पलवल के कुलगुरु प्रो. दिनेश कुमार भी उपस्थित थे।

अपनी नियुक्ति के लिए हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रो. कुमार ने अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करना और चल रही शैक्षणिक और बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं में तेजी लाना शामिल है। उन्होंने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से उत्कृष्टता की एक लंबी विरासत रही है, और इस विश्वविद्यालय में कुलगुरु के रूप में सेवा करना गर्व की बात है। बाद में, उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी डीन, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक औपचारिक बैठक की अध्यक्षता की।

प्रतिष्ठित शिक्षाविद प्रो. कुमार आईआईटी दिल्ली से पीएचडी है। उन्होंने रुड़की विश्वविद्यालय,(अब आईआईटी रुड़की) से एमएससी और एमफिल और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली से कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग में एम.ई. की डिग्री प्राप्त की है। लगभग 35 वर्षों से अधिक के शैक्षणिक अनुभव के साथ उन्होंने अकादमिक प्रशासक के रूप में नीतियों और रणनीतियों को आकार दिया है, जो भावी पीढ़ियों के लिए नवाचारपूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देती हैं।

अपने 35 वर्षों के शैक्षणिक करियर में प्रो. राजीव कुमार ने दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में 25 वर्षों तक सेवाएं दी। विश्वविद्यालय के गणित रहते हुए उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर विज्ञान संकाय के डीन, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष, और गणित विभाग के अध्यक्ष जैसे प्रमुख नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाईं। 2016 से, उन्होंने एआईसीटीई, नई दिल्ली में नौ वर्षों से अधिक समय तक सलाहकार, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) और सदस्य सचिव के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

नवाचार के प्रबल समर्थक रहे प्रो. कुमार ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे पहल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो दुनिया का सबसे बड़ा हैकाथॉन है और देश में छात्र नवाचार को बढ़ावा देने का आधार है। उनके नेतृत्व में पूरे देश में संस्थानों में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) स्थापित किए गए, जो छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं और हैकाथॉन विजेताओं को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए इन्क्यूबेटरों से जोड़ते हैं। उनके प्रयासों से 100 कॉलेजों में उद्योग और एआईसीटीई के समर्थन से आइडिया लैब्स का निर्माण हुआ, और नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी (एनईएटी) की स्थापना हुई, जो एडटेक कंपनियों को छात्रों के लिए एआई-आधारित, अनुकूलित शिक्षण समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाता है। बिट्स पिलानी (हैदराबाद, गोवा, और दुबई), एनआईटीटीटीआर भोपाल, एसएलआईईटी जालंधर, और पीईसी विश्वविद्यालय चंडीगढ़ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में उनका व्यापक अनुभव शामिल है।