सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत स्वच्छता पखवाड़ा और स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का आयोजन - ट्रांसजेंडर समुदाय की सक्रिय भागीदारी ने बढ़ाई कार्यक्रम की गरिमाा फरीदाबाद, 19 सितंबर: उपायुक्त (डीसी) विक्रम सिंह के निर्देशानुसार और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिखा अंतिल के मार्गदर्शन में सेवा पखवाड़ा-2025 के अंतर्गत आज जिला परिषद द्वारा एक विशेष स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समुदाय में स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाना और समाज के हर वर्ग की समान भागीदारी को सुनिश्चित करना था। इस अवसर पर ट्रांसजेंडर स्वयं सहायता समूह एवं ट्रांसजेंडर समुदाय की सक्रिय उपस्थिति ने न केवल कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि समाज में एकता, समावेश और सहयोग का सशक्त संदेश भी दिया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए की गई। वक्ताओं ने कहा कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत आदत नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी नहीं होगी, तब तक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण की कल्पना करना कठिन है। इस अवसर पर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर समुदाय की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता अभियान सबका है और इसमें सभी की बराबर की भूमिका है। स्वच्छता पखवाड़ा का उद्देश्य केवल साफ-सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि यह समुदाय को शिक्षित करने और जागरूक बनाने का एक प्रभावी माध्यम बना। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि साफ-सुथरा वातावरण न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह समाज की प्रगति और सकारात्मक छवि के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छता से कई प्रकार की बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और यह सीधे तौर पर स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव को कम करता है। कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के प्रयोग को त्यागने की शपथ रहा। उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेंगे। यह शपथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। यह न केवल धरती की उर्वरता को प्रभावित करता है, बल्कि जल स्रोतों और समुद्री जीवन पर भी गहरा असर डालता है। कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि यदि हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करें, जैसे कपड़े या जूट के बैग का इस्तेमाल, तो बड़ी समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है। इस कार्यक्रम की एक और खासियत रही ट्रांसजेंडर स्वयं सहायता समूह और ट्रांसजेंडर समुदाय की सक्रिय भागीदारी। उनकी उपस्थिति ने इस अभियान को और अधिक प्रभावी और सार्थक बना दिया। इससे यह संदेश गया कि समाज का कोई भी वर्ग स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों से अलग नहीं रह सकता। ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी ने एकता और सहयोग की भावना को सशक्त बनाया और यह दर्शाया कि यदि हर वर्ग साथ आए तो समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने यह वादा किया कि वे स्वच्छता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएँगे और प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त वातावरण बनाने में योगदान देंगे। ट्रांसजेंडर समुदाय की भागीदारी ने कार्यक्रम को और अधिक प्रेरणादायी और समावेशी बना दिया। इस अवसर पर हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शिवम् तिवारी, रेडक्रास से श्री पुरूषोतम, पहल फाउंडेशन से श्री यादवेंद्र, मकसूम संस्था से लीजा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे और सभी ने इस पहल की सराहना की।