जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में विज्ञान के छात्रों के लिए प्रेरण कार्यक्रम शुरू

फरीदाबाद, 15 सितंबर 2025 – जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में आज विज्ञान के नए छात्रों के लिए पांच दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम ‘सत्रारंभ-2025’ शुरू हो गया। यह कार्यक्रम छात्रों को विश्वविद्यालय के जीवंत शैक्षणिक और सांस्कृतिक वातावरण से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

विज्ञान संकाय और जीव विज्ञान संकाय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. विजय कुमार, कुलगुरु, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुआ। सत्र की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलगुरु  प्रोफेसर राजीव कुमार ने की।

अपने संबोधन में प्रो. राजीव कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत शिक्षा के बहु-विषयक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जो विज्ञान के छात्रों को इंजीनियरिंग और अन्य विषयों को पढ़ने का अवसर प्रदान करते है। उन्होंने छात्रों को  स्वच्छता बनाए रखने, पानी और बिजली का संरक्षण करने, और जीवन में सफलता के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने और टीमवर्क की भावना से काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को अपने गुरुओं, शिक्षकों और माता-पिता के साथ खुलकर संवाद करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि प्रो. विजय कुमार ने वैज्ञानिक जे.सी. बोस को उनकी वायरलेस तकनीक में अग्रणी योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेते हुए नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने, अध्यात्म और विज्ञान के बीच संतुलन बनाए रखने, और मानवीय मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने खेलों के माध्यम से स्वास्थ्य बनाए रखने और सामाजिक इंटर्नशिप के जरिए वास्तविक दुनिया का अनुभव प्राप्त करने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने छात्रों को परीक्षा में अंकों से निराश न होने और समग्र विकास के लिए प्रयास जारी रखने का आह्वान किया।

इससे पहले, डीन, विज्ञान संकाय प्रो. अनुराधा शर्मा ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम के उद्देश्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से प्रो. संदीप ग्रोवर ने 1969 में वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में स्थापना से लेकर वर्तमान में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय तक विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सफर को प्रस्तुत किया। कुलसचिव प्रो. अजय रंगा ने विद्यार्थी जीवन को छात्रों के लिए “स्वर्णकाल” के रूप में वर्णित किया, और कहा कि वे समझदारी से दोस्त चुनने और जीवन में विविध दृष्टिकोण अपनाये।
सत्र के बाद, एनएलपी मास्टर ट्रेनर और माइंडसेट कोच डॉ. मनमोहन दत्त ने छात्रों को जीवन की चुनौतियों से उबरने के लिए रणनीतियाँ पर चर्चा कीं, जिससे उनके व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिले।

कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न डीन और विभागाध्यक्षों प्रो. अनुराधा शर्मा, प्रो. नीतू गुप्ता, प्रो. सोनिया बंसल, प्रो. सचिन त्योतिया, डॉ. रवि कुमार, डॉ. रेणुका गुप्ता और डॉ. काकोली दत्त की देखरेख में किया जा रहा है और कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अनुराग सुंडा, डॉ. परवीन गौड़, और डॉ. अरुण कुमार कर रहे है।