भारतीय अभियंता संस्थान फरीदाबाद ने मनाया 58 वां अभियंता दिवस

फरीदाबाद, 22 सितम्बर। भारतीय अभियंता संस्थान ( आईईआई ) फरीदाबाद स्थानीय केंद्र ने 58 वां अभियंता दिवस आज होटल पार्क प्लाज़ा, फरीदाबाद में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह दिवस 'भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया' की जयंती की स्मृति को समर्पित है, जो भारत के महानतम अभियंताओं एवं राष्ट्र निर्माताओं में से एक थे।

इस वर्ष का विषय था 'डीप टेक एवं अभियान्त्रिक उत्कृष्टता: भारत के टेकाड को आगे बढ़ाते हुए' जो उभरती गहन प्रौद्योगिकियों की भारत के भविष्य निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सर एम.विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ, इसके पश्चात् उनके जीवन पर आधारित एक संक्षिप्त वीडियो प्रदर्शित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एनएचपीसी लिमिटेड, फरीदाबाद के निदेशक (तकनीकी) इंजीनियर एस.अधिकारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में अल्ट्राटेक सीमेंट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंजीनियर राहुल गोयल की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का स्वागत भाषण इंजीनियर आई.एस. ओबेरॉय, एफआईई, अध्यक्ष, आईईआई फरीदाबाद केंद्र ने दिया। इसके पश्चात् स्मारिका का विमोचन एवं अभियंता शपथ (इंजीनियर जे.आर.चौधरी, एफआईई द्वारा) संपन्न हुई।
 
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अभियंताओं और शिक्षाविदों को उनके उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। प्रमुख पुरस्कारों में शामिल रहे

- प्रॉमिसिंग इंजीनियरिंग अवार्ड: इंजीनियर इश सभरवाल, इंजीनियर सुशांत कुमार गुप्ता, इंजीनियर अंकुर मित्तल
- इंजीनियरिंग अचीवमेंट अवार्ड: इंजीनियर कंवर पाल सिंह, इंजीनियर प्रितपाल सिंह, इंजीनियर धीरज के. मिगलानी
- अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार: प्रो. (डॉ.) टी. सेंथिल वदीवेल, डॉ.पियूष चरण
- सक्रिय सहयोगी पुरस्कार: इंजीनियर ए.के. गुप्ता, एफआईई
- इंजीनियर एस.एस. बजाज पुरस्कार: इंजीनियर नबा कुमार दास
- प्रशंसा पत्र: तकनीकी शोध पत्र लेखकों को
- इंजीनियर के.आर. गुप्ता स्मृति पुरस्कार: इंजीनियर जयदेव शर्मा, एफआईई

सभा को इंजीनियर संदीप हांडा और इंजीनियर जे.पी.मल्होत्रा ने भी संबोधित किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो.प्रदीप कुमार डिमरी, एफआईई, मानद सचिव, आईईआई फरीदाबाद स्थानीय केंद्र ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर 120 से अधिक अभियंता, शिक्षाविद, उद्योग प्रतिनिधि एवं समाज के विभिन्न वर्गों ने भाग लिया। सभी ने सर एम.विश्वेश्वरैया की प्रेरणादायक विरासत को स्मरण करते हुए भारत को आत्मनिर्भर एवं तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में अभियंताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।