फिश पेडिक्योर के बहाने आप बीमारी को तो न्यौता नहीं दे रहे

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Health Updates : दिनों दिन शहरी भारत में स्पा कल्चर तेजी से विकास कर रहा है। इसमें भी फिश स्पा शहरी युवा वर्ग खासतौर लेना चाहता है। हालांकि ये देखने और सुनने में बेहद लुभावना लगता है साथ ही ऐसा महसूस होता है कि फिश स्पा हमारी स्किन को चमकती और दमकती हुई बना देता है। जबकि हकीकत इतनी सपाट नहीं है। असल में फैंसी फिश स्पा न सिर्फ आपको स्किन से जुड़ी बीमारियां परोस रहे हैं बल्कि कई अन्य किस्म की समस्याएं भी दे रहे हैं। इनमें से एक है हेपाटाइटिस सी। जानिए, फैंसी फिश स्पा से जुड़ी जरूरी बातें।

फिश पेडिक्योर के खतरे
फिश पेडिक्योर पर हुए एक अध्ययन के मुताबिक फिश पेडिक्योर टैंक न सिर्फ जानलेवा बैक्टीरिया पाए जाते हैं बल्कि ये आपके रक्त को भी जहरीला बना सकते हैं। यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। आमतौर पर फिश पेडिक्योर के लिए गारा रुफा नाम मछली का इस्तेमाल होता है, जिसे डाक्टर फिश के नाम से भी जाना जाता है। फिश पेडिक्योर के तहत बिना किसी नुकसान के आपकी डेड स्किन को ठीक करना है। लेकिन एक थियोरी यह खुलासा करती है कि इस ट्रीटमेंट के कारण अल्सर, डर्माटाइटिस जैसी समस्या हो सकती हैं। यहां तक कि वैज्ञानिकों का दावा है कि आपको फिश पेडिक्योर से जितना लाभ हासिल होता है, उससे ज्यादा नुकसान होते हैं।

फैलती है बीमारी
विशेषज्ञों का दावा है कि फिश पेडिक्योर से फंगल इंफेक्शन तेजी से एक महिला से दूसरी महिला में फैलता है। खासकर अगर प्रत्येक स्पा के दौरान पानी न बदला गया हो। जरा सोचिए आप उसी पानी में अपने पैर डाल रही हैं, जिसे एक ऐसी महिला इस्तेमाल कर चुकी है जिसे स्किन संबंधि कोई बीमारी है। ऐसे में आपको भी स्किन संबंधि बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।  हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक फिश पेडिक्योर टैंक में जानलेवा बैक्टीरिया पाए जाते हैं। कुछ बैक्टीरिया तो ऐसे होते हैं जो सीवियर संक्रमण फैला सकते हैं।

वायरल इंफेक्शन
हेल्थ प्रोटेक्शन एजेंसी यानी एचपीए के मुताबिक, ‘हालांकि फिश स्पा लेने से एचआईवी और हेपाटाइटिस के फैलने की आशंका कम होती है लेकिन फिर भी यह पूरी तरह नहीं कहा जा सकता है कि फिश स्वपा लेने से आप इस तरह की बीमारी से पीड़ित नहीं होंगी।’ असल में फिश स्पा लेने से एक यह अंदेशा भी रहता है कि ब्लड बोर्न वायरस भी आसानी से फैल सकते हैं। इसमें हेपाटाइटिस बी और हेपाटाइटिस सी भी शामिल हैं। अगर कोई ऐसा क्लाइंट फिश पेडिक्योर टैंक का इस्तेमाल करे जिसे किसी प्रकार का ब्लड इंफेक्शन है और उसके पैर में कहीं से कोई कट लगा है, ठीक इसके बाद ही अगर अगला क्लाइंट उसे यूज करे और उसके भी पैर में कट हो तो इससे उसे भी वही बीमारी हो सकती है जो कि पहले क्लाइंट को थी। एचपीए के मुताबिक इससे आपको एचआईवी जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है।

इन्हें न करें इग्नोर
हालांकि फिश स्पा सबके लिए हानिकाकर है। लेकिन कुछ खास किस्म की बीमारी से पीड़ित महिलाओं को फिश स्पा लेने से बचना चाहिए मसलन जो डायबिटिक हैं, इम्यूनो कांप्रमाइस्ड मरीज हैं और जिन्हें एंटीकोग्यूलेंट्स संबंधि समस्या है। चूंकि यह स्पष्ट है कि फिश स्पा लेने से कई तरह के संक्रमण और बीमारियां फैल सकती हैं, ेसे में उन्हें फिश स्पा नहीं लेना चाहिए जिन्हें कुछ खास किस्म की बीमारी होती है। क्योंकि इससे उनकी बीमारी और भी भयावह स्थिति में पहुंच सकती है। अगर आपको एचआईवी है तो फिश स्पा लेने से आपकी इम्यून और भी कमजोर हो सकती है। मतलब यह है कि अगर आप किसी बीमारी की चपेट में हैं तो बेहतर है कि फिश स्पा से दूरी बनाए रखें।

क्या करें
अगर आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क हैं तो आपको फिश स्पा लेने से बचना चाहिए बल्कि यह भी ध्यान रखें कि अपने जानने वालों को भी फिश स्पा से दूर रखें। फिश पेडिक्योर के लालच से खुद को दूर रखें। वरना हो सकता है कि अगली बार आप फिश पेडिक्योर के लिए जाएं तो किसी संक्रमण के साथ लौटें।

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