सिख धर्म में गुरू जी के प्रकाश पर्व का बहुत महत्व : भारत अशोक अरोड़ा

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फरीदाबाद। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था। शहर भर में सोमवार को गुरू नानक देव जी की 554वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर शहर के अलग-अलग गुरूद्वारों से साध संगत के साथ नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन में बच्चों ने सुंदर कला का प्रदर्शन किया। शहर के अलग-अलग स्थानों पर सेवा और श्रद्धा का संगम चलता रहा। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह लंगर एवं प्रसाद वितरित किया। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मेयर अशोक अरोड़ा के सुपुत्र भारत अशोक अरोड़ा ने सिंह सभा गुरुद्वारा मार्केट नं.एक में पहुंचकर गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षाओं की जानकारी ली और गुरु ग्रंथ साहिब पाठ किया। उन्होंने संगत को गुरू पर्व की बधाईयां दी और कहा कि सिख धर्म में गुरू पर्व का बहुत महत्व है। गुरु नानक देव ने लोगों को कुछ ऐसी शिक्षाएं दी थी जो सही राह पर चलने का मार्ग दिखाती हैं। भारत अरोड़ा ने कहा कि गुरू जी के त्याग, तपस्या, समर्पण की भावना को सीखना बहुत जरूरी है और सारा सिख समाज उनकी बातों को मानते हैं और अनुसरण करते हैं। उन्होंने गुरू से साध संगत के अंदर सुख-शांति बनाए रखने की कामना की। इस मौके पर गुरू नानक देव के संदेश एवं शिक्षा के बारे में जानकारी दी। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह ने अशोक अरोड़ा का पटका पहनाकर स्वागत किया।।

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