गुरदासपुर उपचुनाव : भाजपा नेताओं ने की हार की पड़ताल, कहा-हाईकमान से हुई ये गलती

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Chandigarh News : पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गुरदासपुर उपचुनाव में अपने विरोधी भाजपा उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को 1, 93, 219 मतों के अंतर से शिकस्त देते हुए भाजपा से यह सीट छीन ली है। यह शानदार जीत कांग्रेस पार्टी के लिए दिवाली का तोहफा साबित हुई है।

भाजपा नेताओं ने गिनाए हार के कारण
भाजपा नेताओं का अपनी हार पर कहना है कि उम्मीदवार का चयन सही नहीं था और चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवार सलारिया और लंगाह पर लगे आरोपों से मामला बिगड़ा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह पहला चुनाव था और पार्टी अध्यक्ष के मैदान में होने के कारण कांग्रेस एकजुट हो कर लड़ी।

भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया है कि जीएसटी लागू करने से आ रही दिक्क्तों के कारण भी व्यापारी वर्ग नाराज था। गौरतलब है कि खन्ना के निधन के बाद उपचुनाव के लिए उनकी पत्नी कविता खन्ना भाजपा से टिकट चाहती थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर एक उद्योगपति स्वर्ण सलारिया पर दांव लगाया, जो उल्टा पड़ गया।

किसको कितने वोट
सुनील जाखड़ कांग्रेस 4, 99, 752
स्वर्ण सलारिया भाजपा 3, 06, 533
सुरेश खजूरिया आप 0, 23, 579

जीत के मायने
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के विनोद खन्ना ने गुरदासपुर से जीत हासिल की थी। खन्ना के निधन के कारण ही यहां उपचुनाव कराना पड़ा है। इस सीट पर एक लम्बे अर्से से भाजपा का कब्ज़ा था। गुरदासपुर सीट खो देना भाजपा के लिए बड़ा झटका है। जाखड़ की जीत से न केवल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुश हैं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष गांधी के चेहरे भी खिल गए हैं।

पिछले चुनाव में आप के उम्मीदवार सुच्चा सिंह छोटेपुर ने गुरदासपुर में लड़ाई को तिकोना बना दिया था, लेकिन उप चुनाव में आप उम्मीदवार पूर्व सैन्य अफसर सुरेश खजूरिया अपनी जमानत जब्त करा बैठे। छोटेपुर को तब पौने दो लाख वोट मिले थे, जबकि खजूरिया को लोगों ने साढ़े तेईस हजार में ही निपट गए।

भाजपा के हार के कारण
जाखड़ ने मतगणना शुरू होते ही बढ़त बना ली थी और यह सिलसिला आखिर तक जारी रहा। चुनाव परिणाम से कांग्रेसी खेमे में जहां जश्न का माहौल है, वहीं भाजपा खेमे में मायूसी पसरी है। भाजपा के चुनाव अभियान को शुरू में ही उस वक्त झटका लग गया था, जब गुरदासपुर में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह पर लगे रेप के आरोपों का वीडिओ वायरल हो गया। उप चुनाव में लंगाह को अकाली-भाजपा गठबंधन की तरफ से इंचार्ज बनाया गया था। पहले लंगाह के भूमिगत होने और फिर गिरफ्तार हो जाने से भाजपाई हतोत्साहित हुए।

स्वर्ण सलारिया के फोटो
इससे पहले कि लंगाह के झटके से भाजपा उभर पाए, पार्टी के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया पर महिला के साथ कुछ फोटो वायरल गई। इस महिला ने सलारिया पर न केवल शादी का झांसा दे कर संबंध बनाने के लगाए, बल्कि मामले में कार्रवाई की मांग लेकर अदालत में अर्जी भी दाखिल कर दी। इसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिए गुरदासपुर का रुख नहीं किया। पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची धरी की धरी रह गई।

सिद्दू ने की थी भविष्यवाणी
खुद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गुरदासपुर से दूरी बनाए रखी। माना जा सकता है कि भाजपा ने खुद यह सीट कांग्रेस को तस्तरी में रख कर दी। अकाली अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला के मुकाबले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भारी पड़े। सिद्धू ने चुनाव प्रचार के दौरान ऐलान किया था कि जाखड़ करीब लाख वोटों से जीतेंगे और परिणाम उनकी उम्मीदों के मुताबिक ही आया है।

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