May 13, 2025

फिजियोप्रेनर अवॉर्ड से सम्मानित हुए डॉ. विनोद कौशिक

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Faridabad News, 05 March 2019 : देशभर के फिजियोथरैपिस्ट विशेषज्ञों और डाक्टरों का द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन स्पोर्ट्स कॉंक्लेव 2 दिल्ली हट, जनकपुरी में आयोजित किया गया जिसमें फरीदाबाद के वरिष्ठ डाक्टर विनोद कौशिक जो हरियाणा के कोऑर्डिनेटर भी रहे है उनको फिजियोप्रेनर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. विनोद कौशिक ने कहा कि अवार्ड पाकर वह अपने आप को गोरवान्वित महसूस कर रहे है और इस उपलब्धि का सारा श्रेय उनकी टीम को जाता है जो हमेशा उनके साथ खड़ी रहा है। उन्होंने इस अधिवेशन कि अध्यक्षा डॉक्टर रूचि वाष्र्णेय को स्पोर्ट्स कॉंक्लेव-2 को इतने बेहतरीन उद्देश्य से करने के लिए बधाई दी तथा उनका तहे दिल से फिजियोप्रेनर कांक्लेव का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद भी किया। डॉक्टर विनोद कौशिक ने बताया कि इस अधिवेशन में देश के 25 राज्यों  के 1500 विशेषज्ञ और प्रतिभागियो ने भाग लिया। डाक्टर संजीव झा (इंदौर) ने बताया कि ये एक विशेष तरह का अधिवेशन था जिसमें आज के समय के फिजियोथरैपिस्ट की स्पोर्ट्स और ऐथलेट कि बीच बढ़ती महत्वता को विशेष ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस अधिवेशन में 50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए तथा यहाँ पर विभिन्न महाविद्यालयो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अधिवेशन के बारे में बताते हुए डॉक्टर जोजी जॉन व डॉक्टर ईशान कौशिक ने बताया की इस में 4 कांक्लेव है जैसे मीडिया कांक्लेव, फ्यसीयोप्रेनेर, प्राचार्या कांक्लेव आदि इस अधिवेशन में नया आयाम देंगे। यह भारत में पहली ऐसी कॉन्फ्ऱेन्स है जिसमें जॉब फेयर का आयोजन किया गया जिसमें देश तथा विदेश में नौकरियाँ लगवाने के लिए विभिन्न कंपनिया एवं हस्पताल आए थे। इस बार पिछली बार से दोगुने फिजियोथरैपिस्ट ने इसमें अपनी उपस्थिति दिखा कर इसकी बढ़ती लोकप्रियता को साबित कर दिया है। आजकल के समय में खेलों में सभी की रुचि बहुत बढ़ती जा रही है और खेलों में अच्छे खिलाड़ी बनाने के लिए फिजियोथरैपिस्ट की अत्यधिक भूमिका रहती है। जिस वजह से स्पोर्ट्स फिजियोथरैपिस्ट की माँग बेहद बढ़ती जा रही है। डाक्टर रूचि वाष्र्णेय तथा डाक्टर विनोद कौशिक की स्पोर्ट्स कॉंक्लेव 2 के ज़रिए से पूरे भारत के फिजियोथरैपिस्ट को एक डोर में बाँधने की मुहिम चालू की है जिसे वो हर साल ज़ोर शोर से बढ़ाते ही रहेंगे और इस बार की तरह नए नए तरीक़ों से फिजियोथरैपिस्ट की उन्नति के लिए क़दम बढ़ते रहेंगे।

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