कहीं आप भी तो नहीं हो रही स्लिप डिस्क की शिकार

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Health News : स्लिप डिस्क कमर के निचले हिस्से,रीढ़ की हड्डी या फिर कमर के बीच होने वाला दर्द है। आप तौर पर इसे कमर का दर्द या फिर लोअर बैक पेन भी कहा जाता है। पहले यह दर्द 40-50 साल की उम्र के लोगों में होती थी लेकिन अब यह समस्या छोटी उम्र के लोगों में भी आप सुनने को मिलती है। समय पर इसके लक्षण पहचाना बहुत जरूरी है ताकि इस समस्या को बढ़न से रोका जा सके।

स्लिप डिस्क के कारण-

– मांसपेशियों में कमजोरी
– लगातार झुकरकर बैठना
– कैल्शियम की कमी
– ज्यादा वजन उठाना
– गलत पोजीशन में बैठना

लक्षणों को न करें नजरअंदाज
समय पर इसके लक्षण पहचान कर इलाज शुरू कर दें। समय के साथ-साथ यह परेशानी बढ़ भी सकती है।

दर्द
इसमें सबसे पहले रीढ की हड्डी पर दर्द होना शुरू होता है। कई बार कमर का निचला हिस्सा सुन्न भी पड़ जाता है। धीरे-धीरे नसों पर दवाब भी महसूस होना शुरू हो जाता है।

चलने में परेशानी
कमर दर्द होने पर उठने-बैठने और चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है। परेशानी बढ़ने पर जरा सा झुकना भी मुश्किल हो जाता है।

कमजोरी
इससे धीरे-धीरे कमजोरी भी आनी शुरू हो जाती है। दर्द बढ़ने से पैर के अंगूठे तक जाता है। जिससे बेचैनी भी अनुभव होने लगती है।

बैठने में दिक्कत
स्लिप डिस्क होेने पर लगातार बैठने में परेशानी होती है। न तो ज्यादा देर तक खड़े रह सकते है और बैठ कर उठना भी मुश्किल हो जाता है।

इन चीजों से बनाएं दूरी
– बासी चीजों को सेवन करने से परहेज करें। बासी खाने के पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं।
– अपनी मर्जी से कभी भी दर्द निवारक गोलियां न खाएं। इससे दर्द कम होने की बजाए बढ़ सकता है।
– चावल खाने का बजाए चपाती खाएं। चावल में शामिल स्टार्च दर्द को बढ़ा सकते हैं।
– ऊंची एडी के सैंडल भी दर्द का कारण बन सकते है। हमेशा आरामदायक फुटवियर पहनें।
– बॉडी बनाने के शौकिन हैं तो स्लिप डिस्क होने पर जिम से कुछ समय के लिए छुट्टी लेना ही बेहतर उपाय है।

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