जे सी बोस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया

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फरीदाबाद, 11 मई 2022 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर साल 11 मई को प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हारट्रॉन इनोवेशन एंड स्टार्टअप हब, गुरुग्राम के पूर्व प्रमुख राजीव गुलाटी मुख्य अतिथि रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने की। कार्यक्रम का आयोजन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के संकाय द्वारा किया गया और यह हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा प्रायोजित था।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राजीव गुलाटी ने नवाचार और अनुसंधान के महत्व पर विचार रखे और छात्रों को स्टार्ट-अप आइडिया विकसित करने के विभिन्न चरणों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास के अनुप्रयोगों को वास्तविक जीवन से जोड़ने की आवश्यकता है। इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था में इनोवेटिव स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न के माध्यम से चल रही है। संबोधन में उन्होंने स्थानीय चुनौतियों, आर्थिक प्रगति और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए कम्युनिटी इंवेस्टर्स की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने छात्रों से बेहतर कैरियर विकल्प के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉक चेन और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी नई उभरती प्रौद्योगिकियों को सीखने का आह्वान किया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने पोखरण टेस्ट 1998 के समय भारत पर लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद भारत लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रहा। इसका श्रेय देश को गौरवान्वित करने वाले इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को जाता है। तेजी से हो रहे औद्योगीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति पर्यावरण को दांव पर रखकर नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने छात्रों को सतत विकास के लिए तकनीकी नवाचार पर काम करने के लिए प्रेरित किया और प्रकृति और पर्यावरण को संरक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने कूड़ा-करकट को नगरों की प्रमुख समस्या बताते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से इसे रोकने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

इससे पहले इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. एम.एल. अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग एवं डीन इंस्टीट्यूशंस डॉ. संदीप ग्रोवर भी उपस्थित थे।
इस उपलक्ष में छात्रों के नवीन विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए पोस्टर प्रस्तुति और मॉडल प्रदर्शन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया और विजेताओं को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो नीलम तुर्क, डॉ सपना गंभीर, डॉ संध्या दीक्षित और डॉ रश्मी पोपली ने किया।

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