7वां पांच दिवसीय दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू, ‘व्हिस्परिंग सैंड्स’ बनी ओपनिंग फिल्म

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New Delhi News, 15 Oct 2018 : एनडीएमसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से एनडीएमसी के कन्वेंशन सेंटर और कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में आयोजित होने वाला ‘द सोशल सर्कल’ की पहल 7वां पांच दिवसीय दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2018 दिल्ली के लोगों को 5 दिनों तक फिल्म, कला और साहित्य का मनोहारी दृश्य मुहैया कराने के लिए तैयार है। दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय सहयोगी भागीदार हैं।

7वें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन 14 अक्टूबर को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंट्रल, कनॉट प्लेस पर दर्शकों के भा हुजूम एवं कई गणमान्य हस्तियां, राजनयिकों, राजनीतिक व्यक्तित्वों के बीच किया गया। उद्घाटन समारोह की ओपनिंग फिल्म ‘व्हिस्परिंग सैंड्स’ रही। डीआईएफएफ की एक अनूठी विशेषता ही कही जाएगी कि ट्यूनीशिया से नसर खेमीर द्वारा निर्देशित इस फिल्म को सेंट्रल पार्क में स्थापित एक विशाल स्क्रीन पर दिखाया गया। 7वें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 18 अक्टूबर को होगा और इसी दिन पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन भी होगा। इस मौके पर इंडोनेशिया के अर्नेस्ट प्रकासा द्वारा निर्देशित फिल्म ’सुसाह सिन्याल’ समापन फिल्म के तौर पर दिखाई जाएगी।

विशेष साझेदार देशों के मेहमानों, राजदूतों और उच्चायुक्तों से भरे होने के कारण 7वें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का उद्घाटन समारोह एक हिसाब से वैश्विक घटना बन गई। समारोह में ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, जॉर्डन, वियतनाम, स्पेन, मोरक्को, मेक्सिको और सीरिया के गणमान्य लोगों को सम्मानित भी किया गया। प्रतिष्ठित लोगों ने 7वें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का औपचारिक तौर पर दीपक जलाकर उद्घाटन किया और सूची का अनावरण किया। यह पहली बार था, जब पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने फिल्मोत्सव में भाग लिया। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के संस्थापक राम किशोर पारचा ने बताया कि राजनीतिक मतेभेदों के बावजूद हमारे आपसी संबंध सिनेमा के माध्यम से बरकरार रहते हैं। इसके बाद भारत और ट्यूनीशिया के राष्ट्रीय गानों का गान किया गया। इसके बाद राजदूतों और उच्चायुक्तों, जिनमें एच.ई. एम नीजमेदाद्दीन लखल (ट्यूनीशिया के राजदूत), एचई सिद्धार्टो रेजा सूर्योदयपुरो (इंडोनेशिया के राजदूत), हरिंदर सिद्धू (ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त), सैंटियागो रुय संचेज़ (मेक्सिको के सांस्कृतिक परामर्शदाता), भारत में सीरिया के उप उच्चायुक्त एचई अल बशीर शामिल थे, ने भाषण दिया। नागालैंड के प्रधान आयुक्त ज्योति कलश को विशेष रूप से फिल्मोत्सव के आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया। आधिकारिक प्रोमो और टीज़र लॉन्च किए गए, जिसमें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की विविध यात्रा का चित्रण था। समारोह में जूरी के सदस्यों और विभिन्न समाचार चैनलों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था। समारोह ट्यूनीशियाई फिल्म ‘व्हिस्परिंग सैंड्स’ की स्क्रीनिंग के साथ समाप्त हुआ।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस साल इंडोनेशिया और ट्यूनीशिया जहां स्पेशल कंट्री पार्टनर्स हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको और सीरिया देश पार्टनर्स हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश ‘फिल्म बंधु’, जबकि झारखंड भागीदार राज्य है। दिल्ली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को मोरक्को, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मिस्र, जॉर्डन, यूक्रेन और यूएसए का भी सहयोग प्राप्त है। 75 से अधिक देशों ने दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित होने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ फिल्में भेजी हैं। 57 देशों की सैकड़ों प्रविष्टियों में से इस पांच दिवसीय फिल्मोत्सव कुल 194 फिल्मों का चयन प्रदर्शन के लिए किया गया है। इस साल का त्यौहार बच्चों, महिलाओं और दुनिया के ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित किया गया है। इन फिल्मों को केवल मनोरंजन के उद्देश्य से चुना गया है, बल्कि बच्चों, महिलाओं और ट्रांसजेंडर के मुद्दों, अधिकारों, संघर्षों, ताकत और कमजोरियों के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी इनका चयन किया गया है।

इस साल एक विशेष आकर्षण 15 अक्टूबर को सीरियाई दिवस, 16 अक्टूबर को मैक्सिकन फिल्म्स डे और 17 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलियाई फिल्म दिवस के तौर पर रखा गया है। इन देशों की फिल्मों का प्रदर्शन राजदूतों और अन्य राजनयिकों और दोनों देशों के मेहमानों की उपस्थिति में किया जाएगा। इसके साथ ही 16 अक्टूबर को 7वां डीआईएफएफ आर्ट शो का उद्घाटन भी किया जाएगा, जिसमें पूरे भारत और अन्य देशों के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाई गई 100 कलाकृतियों का प्रदर्शन होगा। कला शिविर, प्रेस बैठक, पुस्तक लॉन्च आदि भी 7वें दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का हिस्सा होंगे।

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