श्राद्ध का और नवरात्रि का महत्त्व बताने हेतु फरीदाबाद में सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन

0
1357
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 25 Sep 2019 :  यहां के सेक्टर 19 के जीव कल्याण संस्थान में सनातन संस्था की ओर से श्रीमती संदीप कौर मुंजाल और श्रीमती सावित्री गर्ग ने श्राद्ध पक्ष के विषय में जानकारी दी। इसके अंतर्गत विशेष रुप से यह जानकारी दी गई – पितृपक्ष में ‘श्री गुरुदेव दत्त ’ का नामजप अधिकाधिक करने से पितरों को गति प्राप्त होने में सहायता मिलती है, हमारे शास्त्रों के अनुसार किस किस व्यक्ति को श्राद्ध करने का अधिकार है और महालय के श्राद्ध के दिन कौन-कौन से पितर श्राद्ध ग्रहण करने के लिए आते हैं।

1. पितृपक्ष अर्थात महालय में श्राद्ध के लिए आनेवाले पितर
पितृत्रय अर्थात पिता, दादाजी, परदादाजी
2. मातृत्रय अर्थात माताजी, दादीजी, परदादीजी
3. सापत्न माता अर्थात सौतेली मां
4. मातामहत्रय अर्थात मांके पिताजी, दादाजी एवं परदादाजी
5. मातामहीत्रय अर्थात मांकी माताजी, दादीजी एवं परदादीजी
6. भार्या, पुत्र, पुत्रियां, चाचा, मामा, भाई, बुआ, मौसियां बहनें, ससुर, अन्य आप्तजन
7. श्राद्धकर्ता किसीके शिष्य हों, तो गुरु
8. श्राद्धकर्ता किसीके गुरु हों, तो शिष्य

इन सबके नाम तथा गोत्र की सूची बनाकर रखिए । पितृपक्ष में श्राद्ध के समय इसका उपयोग होता है । इस विवरण से स्पष्ट होता है, कि मृत्युके उपरांत भी जीवके सुख एवं उन्नति से संबंधित इतना गहन अभ्यास केवल हिंंदू धर्मने ही किया है।

सर्वपित्री अमावस्या , पितृपक्षकी अमावस्याका यह नाम है । इस तिथिपर कुलके सर्व पितरोंको उद्देशित कर श्राद्ध करते हैं। वर्षभर में सदैव एवं पितृपक्ष की अन्य तिथियों पर श्राद्ध करना संभव न हो, तब भी इस तिथिपर सबके लिए श्राद्ध करना अत्यंत आवश्यक है; क्योंकि पितृपक्ष की यह अंतिम तिथि है । शास्त्र में बताया गया है कि, श्राद्ध के लिए अमावस्या की तिथि अधिक उचित है, जबकि पितृपक्ष की अमावस्या सर्वाधिक उचित तिथि है ।

इसके अतिरिक्त आने वाले नवरात्रों के विषय में भी जानकारी दी गई किस प्रकार ‘ श्री दुर्गादेव्यै नमः ‘ यह जप करने से हमें नवरात्रि पर दुर्गादेवी के तत्त्व का 1000 (एक सहस्त्र) गुना अधिक लाभ होता है। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों में डांडिया उत्सव भी मनाया जाता है परंतु कुछ जिहादी तत्व नवरात्र के डांडिया उत्सव के समय लव जिहाद के शिकार के रूप में हिंदू लड़कियों को फंसाते हैं जिसे रोकने के लिए बच्चों को छोटी आयु से ही धर्म शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने विशेष रूप से नामजप और लव जिहाद संबंधित जानकारी की सराहना की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here