सोशल मीडिया को अपनी विश्वनीतया खुद बनानी होगी: अमित आर्य

0
897
Spread the love
Spread the love

फरीदाबाद – 29 दिसंबर। जे सी बोस विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन मैराथन एवं सोशल मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। डीन एवं विद्यार्थी कल्याण विभाग तथा संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मैराथन – रन फॉर गीता महोत्सव को कुलपति श्री राज नेहरू और कुलसचिव डॉ सुनील कुमार गर्ग ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य एवं मीडिया कोऑर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे।

डीन एवं विद्यार्थी कल्याण द्वारा आयोजित मैराथन का शुभारंभ विश्वविद्यालय के गेट नंबर- 3 से कुलपति श्री राज नेहरु द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। दो किलोमीटर लंबी इस मैराथन में काफी संख्या में विधार्थी, शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों ने भाग लिया। गेट नंबर- 3 से शुरू हुई दौड़ आवासीय परिसर से होते हुए कुलपति कार्यालय के सामने से दीनदयाल उपाध्याय लाइब्रेरी के सामने से होते हुए पार्किंग स्थल से होते हुए सी बी रमन ब्लॉक से वापिस कैंटीन के सामने से कलाम चौक पर संपन्न हुई। खेल अधिकारी डॉ सुनीता कॉक ने बताया कि मैराथन दौड़ का उद्देश्य विद्यार्थियों को फिटनेस के लिए प्रेरित करना।

संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग, जे. सी. बोस विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए द्वारा सोशल मीडिया पर समसामयिक सामाजिक मुद्दों को उठाने वाले सक्रिय कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर तथा मीडिया विद्यार्थियों के लिए पत्रकारिता के नैतिक मूल्य और सोशल मीडिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री अमित आर्य, मीडिया सलाहकार,माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा ने कहा कि सोशल मीडिया को अपनी विश्वनीतया खुद बनानी होगी। पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले कुछ समय से ये अनुभव किया गया है कि विश्वसनीयता का एक बड़ा मुद्दा रहा है। नैतिक मूल्यों के ह्रास साथ विश्वसनीयता में गिरावट आयी है। ऐसे में पत्रकार और पत्रकारिता पर सवाल उठने स्वाभाविक है। ये पत्रकारों की हाई ज़िम्मेदारी है कि वो अपनी विश्वसनीयता बनाए रखें और अपने मीडिया में मानवीय संवेदना तथा नैतिक मूल्यों को बनाए रखे।

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि अमित आर्य, जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कुलपति श्री राज नेहरू, मुख्य वक्ता डॉ. पवन सिंह मलिक, एसोसिएट प्रोफेसर, संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग, विशिष्ट अतिथि श्री मुकेश वशिष्ठ, मीडिया कोऑर्डिनेटर, मुख्यमंत्री हरियाणा, डॉ. अतुल मिश्रा, डीन एवं प्रोफेसर, संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग ने दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से किया। इसके बाद हरियाणा, डॉ. अतुल मिश्रा, डीन एवं प्रोफेसर, संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग ने कार्यशाला में आए पत्रकारों, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर तथा मीडिया विभाग के छात्रों का स्वागत किया। तत्पश्चात श्री मुकेश वशिष्ठ, मीडिया कोऑर्डिनेटर, मुख्यमंत्री हरियाणा ने कार्यशाला का परिचय दिया और इसके उद्देश्य को प्रतिभागियों के समक्ष रखा।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. पवन सिंह मलिक ने अपने वक्तव्य में कहा कि सच को सामने लाना ही पत्रकारिता है। बतौर पत्रकार हम पत्रकारिता करते समय कानूनों का ध्यान रखते है परन्तु इसके साथ साथ नैतिक मूल्यों का भी ध्यान रखना चाहिए। पत्रकारिता एक सामाजिक जिम्मेदारी है। खासतौर पर जब हम सोशल मीडिया पर पत्रकारिता कर रहे होते है क्यूँकि सोशल मीडिया का इको सिस्टम कुछ अलग तरीके से काम करता है। यहाँ आपका एक पोस्ट कुछ ही पलों में लाखों करोड़ों यूज़र्ज़ तक पहुँच जाता है। इन प्लाट्फ़ोर्म ने नागरिक पत्रकारिता को बढ़ावा देकर बड़े मीडिया हाउज़ेज़ की मनॉपुली को चुनौती दी है।लेकिन सोशल मीडिया प्लाट्फ़ोर्म का प्रयोग करने से पहले एक पत्रकार होने के नाते हमें सोशल मीडिया के सभी फ़ीचर्ज़ के बारे में जानकारी होनी ज़रूरी है। अपनी पत्रकारिता में क़ानून के साथ साथ नैतिक मूल्यों का सम्मान करना ही प्रफ़ेशनलिस्म है।

कार्यशाला की अध्यक्षता जे. सी. बोस विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि नैतिक मूल्यों के बिना सशक्त पत्रकारिता सम्भव नहीं है। नैतिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं के बिना पत्रकारिता के असल उद्देश्य पूरा नहीं हो पायेगा।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने धन्यवाद वक्तव्य दिया और कार्यशाला के प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के डीन, चेयरपर्सन, प्राध्यापक, पत्रकार, सोशल मीडिया ऐक्टिविस्ट तथा छात्र उपस्थित रहे।

संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ पवन सिंह मालिक ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया कन्वर्जेन्स के इस समय में सोशलमीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। इस लिए सोशल मीडिया पर प्रशिक्षित पत्रकारों का होना ज़रूरी है। पत्रकारों को क़ानूनों की जानकारी के साथ अपने नैतिक मूल्यों का भी बोध होना चाहिए। सरकार सोशल मीडिया रेग्युलेशन तय करे उससे बेहतर है सोशल मीडिया पर पत्रकार स्वयं अपनी जिम्मेदारी को समझे और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी हो।

कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं साहसिक पत्रकारिता के बल पर ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। जब भी पत्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से किसी मुद्दे को समाज के सामने रखे तो पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों का ध्यान रखे। वही पत्रकारिता देश और समाज को आगे लेकर जा सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here