सत्संग साधन है, स्वयं को जानने का और शंकाओं के समाधान का : सुभाष शास्त्री

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2003
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Faridabad News : हर वर्ष की भांति इस बार भी जम्मू से अखंड परमधाम मठ के परमपूज्य सुभाष शास्त्री द्वारा साप्ताहिक भागवत कथा का आयोजन 2सी स्थित सनातन धर्म मंदिर में किया गया। जिसमें प्रधान कंवल आहूजा एवं सरला विरमानी ने विशेष सहयोग अदा किया। परमपूज्य कथा वाचक सुभाष शास्त्री के मुख्य से भागवत कथा वाचन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक एवं धार्मिक संस्था की चेयरपर्सन डा. राधा नरूला एवं प्रसिद्ध गायक ललित बाबा ने शिरकत की। डा. राधा नरूला ने इस मौके पर भागवत कथा का श्रवण करने से जीवन सुखमय होता है और सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। इसलिए अपने जीवन में भागवद कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत ज्ञान एवं चिंतन का विषय है, अगर आप ध्यानचित्त होकर इसको सुनेंगे तो ही आप इसका लाभ उठा सकते हैं। कथा वाचक शास्त्री जी ने कहा कि जैसे आपने अपनी देह को स्वीकारा है, वैसे ब्रह्म को नहीं स्वीकारा। उन्होंने सत्संग के महत्व को समझाते हुए कहा कि सत्संग साधन है, स्वयं को जानने का, शंकाओं का समाधान पाने का और अपने जीवन को मंगलमय करने का। जगत में ज्यों-ज्यों असंख्य प्राणी जीते हैं, उनका जीना भी सार्थक है, जो परमात्मा का होकर परमात्मा को जानकर परमात्मा के लिए ही जीते हैं, उन्हीं को परमात्मा की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सत्संग का मतलब है, जो सत्संग में सुनने आए हो, उसे ध्यान से सुनो, मोह और नींद को छोड़ो, सजग होकर सत्संग रूपी विवेक एवं प्रकाश में जगे तो ही बात बनेगी। इस मौके पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्था के प्रधान जोगेन्द्र चावला, चेयरमैन राधेश्याम, सरला विरमानी, सुरेश आहूजा, सोमनाथ महाराज, सुरेन्द्र विरमानी, कंवल खत्री, लोकनाथ अदलखा, सुंदरलाल चुघ, प्रेम चुघ, रानी चोपड़ा, संतोष अदलखा आदि ने भागवत कथा का आनंद लिया।
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