महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में लिया ग्रामीण महिलाओं ने लिया भाग

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फरीदाबाद, 21 अक्टूबर। स्थानीय गांव मवई में अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के उपलक्ष में सरकार द्वारा आयोजित स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ग्रामीण महिलाओं के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के उत्थान के लिए बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया और चाय पर चर्चा करके महिलाओं के कार्यों को के अनुभव साझा किए गए। उन महिलाओं को रोजगार के लिए आई कठिनाईयों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी ली गई। कार्यशाला की अध्यक्षता महिला जिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य परियोजना अधिकारी श्रीमती पुनीत ग्रेवाल ने की। जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की पीओ मीनाक्षी चौधरी और एनआरएल एम के जिला प्रोजेक्ट जिला अधिकारी शिवम त्रिपाठी ने की।

आपको बता दें विश्व भर में प्रत्येक साल15 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया जाता है। विश्व भर की करीब 43 फीसदी महिलाएं कृषि श्रमिक के रूप में कार्य करती है तथा खाद्य क्षेत्र से जुड़ी रहती है। अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य कृषि विकास ,ग्रामीण विकास ,खाद्य सुरक्षा तथा ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में ग्रामीण महिलाओं के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है तथा ग्रामीण महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके योगदान को सम्मानित करना भी है । ग्रामीण महिलाओं के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 15 अक्टूबर पर इस वर्ष कोविड-19 के मद्देनजर ग्रामीण महिलाओं के निर्माण के लिए ग्रामीण महिलाओं के स्थायी आजीविका को मजबूत करने और उनकी भलाई के लिए बेहतर तरीके से निर्माण करने के लिए सुर्खियों में है। भारत में स्वयं सहायता समूह में आयोजित लाखों ग्रामीण महिलाओं ने मास्क और हैंड सेनीटाइजर का उत्पादन करके ,सामुदायिक रसोई के माध्यम से ताजा भोजन प्रदान करने ,वित्तीय सेवाओं की पेशकश करने और ग्रामीण समुदाय में महत्वपूर्ण कोविड-19 सूचनाओं का संचार करके एक तीव्र कमी और अंतराल को भरने में मदद की है ।

कार्यशाला में बबीता राजपूत जिन्होंने फूलों की खेती शुरू करके, डेयरी फार्म, मत्स्य पालन का बेहतर कार्य किया के बारे सुझाव साझा किए। इसी प्रकार गीता गांव पखाल निवासी ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की वजह से ने कई महिलाओं की सहायता करती है और महिलाओं को लोन दिलवाने तथा स्वयं रोजगार चलाने में मदद करती है। तिलपत की राजकुमारी भी स्वयं सहायता चलाती है और वह भी महिलाओं को लोन दिलवाने में और स्वयं रोजगार करने में मदद करती है। गांव में भूपानी की गीता भी संस्था से जुड़ी अन्य महिलाओं की सहायता करती है और महिलाओं को लोन देने में तथा सामाजिक कार्य के तौर पर गांव में शराबबंदी के लिए महिलाओं को जागरूक करती है। गांव में कच्ची शराब भी बंद करवाने में उन्होंने अहम् भूमिका निभाई। कार्यशाला में पुनीत ग्रेवाल ने महिला सशक्तिकरण में महिला सुरक्षा व अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी महिला सुरक्षा, ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। वन स्टाप सेंटर की संचालिका डॉ मीनू यादव ने वन साहब स्टॉप सेंटर के कार्यों बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला में एनआरएलएम के जिला प्रोजेक्ट ऑफिसर शिवम त्रिपाठी ने स्वयं सहायता समूह में महिला ग्रुपों को सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और अनुदान राशि बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। सिंगर मनी किंकर सिंह महिला सुरक्षा, वन स्टॉप सेंटर तथा 181 हेल्पलाइन नंबर बारे कई गाने प्रस्तुत किए।

कार्यशाला में सीडीपीओ शकुंतला रखेजा, सोनू शर्मा, अनिल, ललित, दीप्ति, रामवती, सोमवती, रेखा मोनिका, गीता, शांति देवी, मोर कली, उषा देवी, निशा देवी, सीता, अनीता तथा ललिता सहित कई गणमान्य महिलाओं ने भाग लिया।

 

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