आर.जे रौनक ने एशियन अस्पताल में किडनी रोगियों को किया लोट-पोट

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Faridabad News :  एशियन अस्पताल में हो रहे विश्व किडनी दिवस और महिला दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर आर.जे रौनक (बउआ 93.5 RED FM) ने अस्पताल में शिरकत की। अस्पताल के डायरेक्टर पद्मश्री डॉ. एन.के पांडे श्रीमति पदमा पांडे, श्री अनुपम पांडे, नेहा पांडे, डॉ. प्रशांत पांडे, डाॅ. पी.एस आहुजा, डाॅ. रितेश शर्मा और डाॅ.बी.के उपध्याय ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर अस्पताल द्वारा अस्पताल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए फ्री वाई-फाई सुविधा का भी अनावरण किया गया।

कार्यक्रम का मंच संचालन करते हुए बउआ ने किडनी रोग से जूझ रहे लोगों और किडनी रोग को मात देकर जिंदगी में आगे बढने वाले लोगों को खुशहाल जीवन जीने का संदेश दिया और उन्हें अपनी लक्ष्य को सफलतापूर्वक हांसिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। किडनी दिवस के अवसर पर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल ने लोगों को कार्यक्रम के माध्यम से जागरुक किया।

रौनक ने किडनी रोगियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एशियन अस्पताल में आकर मुझे बहुत अच्छा लगा। किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन इसके खराब होने या इसमें किसी प्रकार की कमी आ जाने का यह मतलब नहीं होता कि हमारी जिंदगी यहीं खत्म हो गई है। डायलासिस एक माध्यम है जिससे जिंदगी को जिया जा सकता है। आज मै यहां आया हँू आप लोगों के बीच आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। किडनी रोग से जूझ रहे लोग और किडनी रोग को मात देकर जिंदगी में आगे बढने वाले लोग खुशहाल जीवन जी सकते हैं। यहां आकर मुझे कई ऐसे उदाहरण भी जानने को मिले जिनसे मुझे प्रेरणा मिलती है। साथ ही उन्होंने अपनी हास्यस्पद बातों से लोगों का दिल बहलाया।

इस मौके पर एशियन अस्पताल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. रितेश शर्मा और डॉ बी.के उपाध्याय ने लोगों को किडनी रोग से लडने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सही खानपान और नियमित डॉक्टरी जांच के द्वारा ही किडनी रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि किडनी रोग से डरने की नहीं बल्कि उसे लडने की जरूरत है। मरीज डायलासिस कराते हुए और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी एक आम व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत कर सकता है। नेफ्रालोजिस्ट डॉ.बी.के उपाध्याय का कहना है कि किडनी रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इस पर नियंत्रण रखने के लिए मरीजों का फॉलोअप होना जरूरी होता है।

इस कार्यक्रम के दौरान किडनी रोग से पीड़ित रोगियों और किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके लोगों ने भी लघु नाटिका, डांस और भंगड़ा आदि के माध्यम से ये बताया कि किस प्रकार खुश रहकर किसी भी प्रकार की बीमारी को मात दी जा सकती है। इस मौके पर किडनी रोगी फरहाना,, वींरांगना, रूपाली, चंद्रकांता, संजय और संजीव आदि ने अपने अनुभव सांझा किए। दो बार किड़नी ट्रांसप्लांट करा चुकी डाॅ. मिनाक्षी ने कहा कि पॉजीटिव एटीट्यूड के साथ ही सफलता हांसिल की जा सकती है। किडनी रोगियों और कार्यशाला के सदस्यों ने गाना गाया और डांस भी किया। कार्यक्रम के दौरान डाॅ. रिषी गुप्ता, डाॅ. सिम्मी मनोचा, डाॅ. विकास अग्रवाल, डाॅ. मानव मनचंदा, डाॅ. उमेश कोहली, डाॅ. मृणाल शर्मा, डॉ. जया, डॉ. पंकज आदि अस्पताल के सभी सदस्य मौजूद रहे।

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