12 तरह की सेवाओं के लिए जनसहायक हेल्प-मी मोबाइल एप बेहतर विकल्प : उपायुक्त यशपाल

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Faridabad news, 28 April 2020 : उपायुक्त यशपाल ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कच्चा राशन, पका भोजन, मेडिकल हेल्प व अन्य करीब 12 तरह की सेवाओं के लिए जनसहायक हेल्प-मी मोबाइल एप बेहतर विकल्प है। अब जरूरतमंद लोगों को चाहिए कि वे कंट्रोल रूम के नंबरों पर फोन करने की बजाय इस एप का इस्तेमाल करें। एप के माध्यम से उनके पास मदद भी जल्दी पहुंचेगी।

उपायुक्त मंगलवार को कंट्रोल रूम का दौरा करने के दौरान यह जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में लोगोें तक त्वरित मदद पहुंचाने केे लिए इस एप को तैयार किया गया था, जिसकी कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी प्रभावित हुए और इस एप को पूरे प्रदेश स्तर पर शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को मदद भी जल्दी पहुंचती है, क्योंकि एक बार इस पर डिमांड भेजने से संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचना मिल जाती है और उस अधिकारी द्वारा मदद भी जल्द पहुंचाई जाती है। उन्होंने कहा कि गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से डाउनलोड होने वाला यह एप बेहद उपयोगी है, बल्कि घर बैठे आपकी कई परेशानियों का आसानी से समाधान करने में भी सक्षम है। जिला के नागरिकों को यह एप अधिक से अधिक डाउनलोड करना चाहिए। यह एक इंटीग्रेटेड ऐप है जो नागरिकों को एक ही डिजिटल प्लेटफार्म पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर रही है। इस एप जियो टैग पर आधारित है।

ऐसे करें एप में खुद को पंजीकृत
प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करने के उपरांत नागरिक को पहले मोबाइल फोन नंबर और ओटीपी के साथ खुद को पंजीकृत करना है। एक बार पंजीकरण होने के बाद नागरिक सेवाओं का उपयोग करते सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से नागरिक जरूरत के अनुसार एलपीजी सिलेंडर, एम्बुलेंस, डॉक्टर, ई-पास, बैंक यात्रा बुक करने, सूखा राशन, पका हुआ भोजन आदि के लिए अनुरोध कर सकते है। अनुरोध प्राप्त होने पर उसे एसएमएस भेजा जाएगा और उसे निर्धारित समय पर सेवा मिलेगी।

जनसहायक हेल्प मी एप से मिलेंगी ये प्रमुख सेवाएं
1. भोजन के लिए अनुरोध – नागरिक आवश्यकता के अनुसार पका भोजन या सूखा राशन की मांग कर सकते हैं। मोबाइल ऐप डेटाबेस के साथ जांच करता है और अगर नागरिक का किसी भी राज्य डेटाबेस में नाम नहीं मिलता है तो वह एक राशन टोकन मिलेगा और उसके निकटतम उचित मूल्य की दुकान पर मैप किया जाएगा। नागरिक उचित मूल्य की दुकान पर जाकर इसे दिखा सकता है और ओपीएच (बीपीएल के अलावा अन्य प्राथमिकता वाले घरों) के समान राशन मुफ्त में प्राप्त कर सकता है। पके हुए भोजन के मामले में इसका मूल्यांकन किया जाएगा और अगर प्रार्थी वास्तव में इसके के लिए पात्र है तो जिला प्रशासन या सामाजिक संगठनों के माध्यम से नागरिक तक पहुंचाया जाएगा।

2. डॉक्टर से परामर्श – नागरिक जब मोबाइल ऐप में डॉक्टर टैब को टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन पर जाता है तो डॉक्टर उसे जवाब देगा। डॉक्टर की सलाह के अनुसार नागरिक अपना इलाज करवा सकता है।

3. आश्रय की आवश्यकता – नागरिक किसी भी राहत शिविर में आश्रय के लिए अनुरोध करेगा तो उसे नजदीकी राहत शिविर में भिजवा दिया जाएगा।

4. वित्तीय सहायता – नागरिक वित्तीय सहायता भी मांग सकता है। आधार कार्ड के आधार पर मौजूदा डेटाबेस के साथ मोबाइल ऐप की जांच होगी और अगर नागरिक को पहले कोई वित्तीय लाभ नहीं मिला है तो नागरिक पंजीकरण कर सकता है और पात्रता की जांच के बाद आवेदन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

5. मजदूरी न मिलने की शिकायत – नागरिक नियोक्ताओं से पारिश्रमिक व मासिक मजदूरी का भुगतान न करने के संबंध में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आवश्यक कार्यवाही के लिए जिला श्रम अधिकारी को भेजा जाएगा।

6. ई-खरीद (गेहूं व सरसों) – किसान इस ऐप का उपयोग करके किसी भी मंडी में अपनी फसल की उपज बेचने के लिए एक स्लॉट (समय) बुक कर सकते हैं। इससे मंडियों में सोशल डिस्टेंस बनाए रखने में मदद मिलेगी।

7. बैंक यात्रा बुक करें – यह नागरिकों को इंदोसवज.ींतलंदं.हवअ.पद पर ले जाएगा। इसके माध्यम से नागरिक डाक बैंक सेवा के माध्यम से बैंक स्लॉट (नकद जमा ध् निकासी सीमित राशि) या घर पर नकद वितरण के लिए अनुरोध कर सकते हैं।

8. ई पास – नागरिक किसी भी आवश्यक सेवा जैसे चिकित्सा कारणों, परिवार में मृत्यु आदि के लिए ई-पास के लिए अनुरोध कर सकते हैं। उद्योगों और दुकानों के लिए पास की सुविधा भी उपलब्ध है।

9. स्वयंसेवक – जो कोई भी अपने संसाधनों व श्रम का योगदान करके लोगों की मदद करना चाहता है वह पंजीकरण कर सकता है और सरकार उनकी प्रतिभा का सही उपयोग करेगी।

10. हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड – सरकार को दान देना आसान किया गया है।

11. भोजन व राशन का दान करें – यदि कोई भी परिवार अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए पका हुआ भोजन या राशन उपलब्ध कराने में रुचि रखता है तो वे अपना योगदान दर्ज करवा सकते हैं।

12 . शिक्षा अथवा ई-लर्निंग – इच्छुक छात्र स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए सीखने के संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

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