मैनिपुलेशन तकनीक पर फिजियोथेरेपी कार्यशाला का आयोजन

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Faridabad News, 13 Oct 2018 : होटल आकाश में मैनिपुलेशन तकनीक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आर्ट ऑफ मैनिपुलेशन के निदेशक डॉक्टर सोहराब शर्मा ने देश भर से आए सीनियर फिजियोथैरेपिस्टो को कमर दर्द, गर्दन दर्द से निजात पाने के आधुनिक तकनीक के बारे में बताया। जिसके माध्यम से बहुत ही कम समय में मरीज को गर्दन दर्द और कमर दर्द से निजात मिल सकती है। यह तकनीक उच्च वेग कम आयाम कहलाती है। यह तकनीक विदेशों में इस्तेमाल होती थी। लेकिन अब भारत में भी इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर सोहराब शर्मा  यह तकनीक यूरोप से सीख कर आए हैं वह मान्यता प्राप्त ओस्टियोपैथ व कायरोपृक्टर हैं ओस्टियोपेथी के जरिए गठिया के दौरान होने वाले असहनीय दर्द, डिस्क की समस्याओं, कंधों में दर्द और जकड़न, सिर में होने वाला दर्द, कूल्हे, गर्दन और जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, खेल की गतिविधियों के दौरान लगने वाली चोट, टेनिस एल्बो, सांस संबंधी समस्याओं के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। ओस्टियोपेथी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जिससे किसी भी प्रकार की हड्डी की समस्या का उपचार हो सकता है। रीड की हड्डी के नीचे के हिस्से में होने वाली बीमारी को ठीक करने में फिजियोथेरेपिस्ट इस तकनीक का प्रयोग करते हैं यह एक प्रकार की मैनुअल तकनीक है। जिससे शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है यह हॉलिस्टिक होती है जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और अध्यात्मिक हर पहलू को शामिल किया जाता है ओस्टियोपेथी मरीज के मांसपेशियों जोड़ो, कनेक्टिव टिशु और लिगामेंट्स आदि के जरिए शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को सामान्य करता है इसमें शरीर के स्केलेटल, नर्वस, रेस्पिरेट्री और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे कई तरह की बीमारियों का उपचार हो जाता है। ओस्टियोपेथी के विशेषज्ञ अपने हाथों का उपयोग करके मरीज की समस्या का इलाज अलग-अलग तकनीक के प्रयोग से करते हैं। इस तकनीक में सॉफ्ट टिशु तकनीक, ज्वाइंट मोबिलाइजेशन जैसी तकनीक शामिल है इसके जरिए ही मरीज की समस्या का उपचार होता है। इस कार्यशाला का संचालन डॉक्टर सौरभ त्यागी और डॉक्टर चेतन कौशिक ने मिलकर किया, डॉक्टर सौरभ त्यागी व डॉक्टर चेतन ने बताया की फरीदाबाद में अभी तक इस तरह की कोई भी कार्यशाला का आयोजन नहीं हुआ था इसलिए उनके मन में विचार आया की इस तरह की कार्यशाला का फरीदाबाद में आयोजन हो तो फिजियोथैरेपिस्ट अपनी गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं और मरीजों को अधिक से अधिक फायदा पहुंचा सकते हैं इस कार्यशाला में राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र व हरियाणा के फिजियोथैरेपिस्ट ने भाग लिया। कार्यशाला में डॉक्टर प्रदीप शर्मा फिजियोथैरेपी प्रमुख मेट्रो हॉस्पिटल, डॉक्टर कपिल चौहान फिजियोथैरेपी प्रमुख क्यूआरजी हॉस्पिटल और डॉक्टर अमित पाराशर को गेस्ट ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। डॉक्टर राकेश अत्रे को सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट ऑफ फरीदाबाद के अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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