शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 88वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

0
1387
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 27 Feb 2019 : शहीद भगत सिंह कालेज कैम्पस एनएच-3 में शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 88वें बलिदान दिवस पर शहीद भगत सिंह बिग्रेड द्वारा श्रृद्वांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें शहीद ए आजम भगत सिंह के पौत्र एवं ऑल इडिया शहीद भगत सिंह बिग्रेड के अध्यक्ष यादवेन्द्र सिंह सन्धू ने स्कूली बच्चों के साथ मिलकर चन्द्रशेखर आजाद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर यादवेन्द सिंह सन्धु ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर आजाद अक्सर एक बात कहा करते थे। देश की व्यथा देखकर जिसका खून ना खोले खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए वह बेकार जवानी। उनकी यह बात पहले भी देशवासियों को प्रेरणा देती थी और आज भी हमारे खून में जोश भर्ती है और मां भारती के प्रति हमारे फर्ज को याद दिलाती है। यादवेन्द्र सिंह सन्धु ने कहा कि 27 फरवरी 1931 को एलफर्द पार्क इलाहबाद में मात्र 24 वर्ष की आयु में महान क्राांतिकारी चन्दशेखर आजाद ने अपना बलिदान देकर सोए हुए भारतवासियों को जगा दिया था। वह हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कमांडर एण्ड चीफ थे जिसमें शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, जतिन दास, बी.के दत्त जैसे महान क्रांतिकारी शामिल थे। यादवेन्द्र ने कहा कि 1921 में जब मात्र 15 वर्ष की आयु में असहयोग आंदोलन के धरने में शामिल होने की वजह से चन्द्रशेखर आजाद को पहली बार पकड़कर मैजीस्टे्रेट के सामने पेश किया गया तब बालक चन्द्रशेखर से उनकी व्यक्तिगत जानकारी के बारे में मैजीस्ट्रेट ने पूछना शुरू किया गया कि तुम्हारा नाम क्या है इसपर उन्होनें कहा मेरा नाम आजाद है। तुम्हारे पिता का नाम क्या है जवाब में उन्होनें कहा स्वाधीन है। तुम्हारा घर कहां है वह बोले जेल खाना। चन्द्रशेखर द्वारा दिए गए उत्तरो से चिढ़कर मैजीस्ट्रेट ने चन्द्रशेखर को 15 बैतों की सजा सुनाई जिसके बाद से लोगों ने उन्हें आजाद कहकर संबोधित करना शुरू कर दिया जिससे उनका नाम चन्द्रशेखर आजाद हो गया। इस मौके पर चौधरी शरीफ, विपिन झा, रणजीत सिंह, वीके सिंह, मोंटू सिंह, रंजीत भाटिया, तिलक राज भाटिया और स्कूल के बच्चे तथा बिग्रेड के सदस्य मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here