मोबाइसी ने मानव रचना यूनि​वर्सिटी के कैम्पस में अपनी स्मार्ट साइकिलों की शुरुआत की

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Faridabad News : गुडगांव की ग्रीन टेक स्टार्टअप मोबाइसी ने फरीदाबाद के मानव रचना यूनिवर्सिटी कैम्पस में अपनी डॉकलेस, स्मार्ट साइकिल्स की शुरुआत की। भारत की पहली डॉकलेस साइकिलों के अनावारण में सह—संस्थापक आकाश गुप्ता और राशि अग्रवाल के साथ हरियाणा के माननीय राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी उपस्थित थे। मोबाइसी ने आईओटी ताले और जीपीएस ट्रैकिंग से सुसज्जित 5,000 स्मार्ट साइकिलें सड़कों पर उतारकर अपने संचालन की शुरुआत की है।

मोबाइसी के सह—संस्थापक आकाश गुप्ता ने कहा, “फरीदाबाद के मानव रचना यूनिवर्सिटी कैम्पस में भारत की पहली डॉकलेस साइकिलों को शुरू करके मैं काफी खुश हूं। इन साइकिलों को मोबाइसी ऐप के माध्यम से आसानी से किराए पर लिया जा सकता है और ये किसी दिक्कत के बिना हर रोज सफर करने वालों और विद्यार्थियों को छोटी दूरियां तय करने में मदद करने हेतु हैं। ये साइकिलें रोज सफर करने वालों को डॉकिंग स्टेशंस की उपलब्धता तक सीमित रहे बिना अपने सफर को पूरा करने की सहूलियत देती हैं। हमें उम्मीद है कि कई सारे राहगीर, विद्यार्थी और फिटनेस प्रेमी अपने आसपास मौजूद इन स्मार्ट, डॉकलेस साइकिलों की उपलब्धता को पसंद करेंगे।”

मोबाइसी ने अपनी तरह के पहले ‘साइकिलों के लिए उबेर’ मॉडल के साथ भारत में मोबिलिटी क्षेत्र को बदला है। प्रयोक्ता एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध इसके मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके अपने आसपास में साइकिलों को खोज सकते हैं। प्रयोक्ता स्मार्ट बाइक्स को खोज सकते हैं, क्यूआर कोड से साइकिल को अनलॉक कर सकते हैं और काम पूरा होने के बाद, साइकिल को सुरक्षित रूप से आसपास पार्क कर सकते हैं – जिसमें गेटेड कम्यूनिटी, निजी कंपाउंड आदि शामिल नहीं है। भारत में हर जगह की कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या को देखते हुए, यह स्टार्टअप अपनी कभी भी, कहीं भी उपलब्ध साइकिलों से 3-6 कि.मी. की अंतिम दूरी तक का सफर करने में प्रयोक्ताओं की मदद करता है।

10 रुपए प्रति घंटे के सफर, या उससे भी कम में मोबाइसी का वर्तमान मॉडल डॉकलेस साइकिलिंग को बेहद वहनीय बनाता है। मासिक योजना के तहत, प्रयोक्ताओं को प्रति दिन 2 घंटे के सफर के लिए 99 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, प्रयोक्ताओं को अपने आधार पहचान पत्र का प्रयोग करके साइन अप करना होगा और 999 रुपए के न्यूनतम प्रतिभूति जमा का भुगतान करना होगा, जो पूर्णत: वापसी योग्य होगा। विद्यार्थियों के लिए, यह प्रतिभूति जमा मात्र 499 रुपए है और साइनअप प्रक्रिया उनके कॉलेज के पहचान पत्र से पूरी की जाएगी।

भले ही यह केवल शुरुआत है, लेकिन स्टार्टप आगे काफी तेजी से वृद्धि करने का लक्ष्य बना रहा है। साइकिलों की मौजूदा संख्या को बढ़ाकर 50,000 करने के साथ, मोबाइसी अगले 6 महीनों में 12 अन्य शहरों और अगले साल तक 20 प्रमुख शहरों में विस्तार करना चाहता है।

मोबाइसी के बारे में
साल 2017 में शुरू किया गया, गुड़गांव आधारित मोबाइसी भारत का पहला डॉकलेस साइकिल शेयरिंग ऐप है। एक ग्रीन टेक कंपनी होने के नाते, मोबाइसी भारत में अनोखा ‘साइकिलों के लिए उबेर’ मॉडल ला रही है। भारत को एक ग्रीनर और सेहतमंद साइकिल चलाने वाला देश बनाने के ध्येय से प्रेरित, मोबाइसी रोज सफर करने वालों को छोटी दूरियां तय करने, कार्बन फुटप्रिंट घटाने और हमारी सुस्त जीवनशैली के अंदर फिटनेस के स्तर को बेहतर करने के लिए स्मार्ट साइकिल्स देता है। मोबाइसी एक स्टार्टअप है, जिसे भारत सरकार के डीआईपीपी-स्टार्टअपइंडिया प्रोग्राम के तहत पहचान मिली है।

प्रयोक्ताओं को उत्कृष्ट, सेहतमंद और पर्यावरण के अनुकूल कम्यूटिंग विकल्प देने के लिए इस कंपनी ने उन्नत तकनीकों का फायदा उठाया है, जैसे कि एकीकृत आईओटी आधारित जीपीएस लॉक तकनीक, कैशलेस वॉलेट भुगतान, जिओफेंसिंग, मशीन लर्निंग आदि। मोबाइसी ऐप के प्रयोक्ता बड़ी आसानी से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर निकटतम साइकिल को लोकेट कर सकते हैं, मोबाइसी ऐप के माध्यम से डिजिटल क्यूआर कोड को स्कैन करके साइकिल का ताला खोल सकते हैं। सफर पूरा होने पर, साइकिलों को किसी भी सार्वजनिक पेवमेंट में पार्क किया जा सकता है, निजी कंपाउंड या गेटेड कालोनी आदि के अलावा।

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