खनन और वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अरावली पर हो रही है अवैध बोरिंग

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Faridabad News, 18 Jan 2019 : कुछ माह पहले सूरजकुंड के लक्कड़पुर के पास एक पहाड़ गायब किया जा रहा था जिसमे पहाड़ गायब करने वालों का कहना था कि हमने इसकी परमीशन ले रखी है। मौके पर मैं गया जहाँ खनन हो रहा था तो मैंने पाया कि परमीशन कहीं और की ली गई है और खनन कहीं और हो रहा है और जब मैंने हरियाणा सरकार के पास इसकी शिकायत भेजी तो फटाफट खनन विभाग ने खनन माफियाओं पर एफआईआर दर्ज कर उनकी मशीनें जब्त कर ली। गुरुवार शाम को मुझे सूचना मिली कि अनंगपुर के पास जो बोरिंग हो रही है वो अरावली क्षेत्र में हो रही है। परमीशन पत्र पर जगह का नाम इसलिए नहीं लिखा गया है ताकि जल्द दोहन करने वाले कहीं भी बोरिंग करें और यही हो रहा है। वहाँ अनंगपुर में जो बोरिंग हो रही है वो अवैध है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने अब उस बोरिंग का वीडियो भी मीडिया और डीसी फरीदाबाद सीपी फरीदाबाद सहित हरियाणा सरकार, एनजीटी, खनन विभाग, पर्यावरण मंत्रालय के पास भेजा है।
वकील पाराशर ने कहा कि ये बोर अवैध है और अरावली पर किया जा रहा है और एक तरह से अरावली का चीरहरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अनंगपुर के पास अरावली पर अवैध प्लाटिंग हो रही है और अब ये बोरिंग भी जारी है जिसे देख लगता है कि फरीदाबाद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ये सब हो रहा है। वकील पाराशर ने कहा कि वार्ड 18 में बोर का परमीशन लिया गया है लेकिन उसमे जगह नहीं लिखी गई है। उन्होंने कहा कि वार्ड 18 में अरावली की हजारों एकड़ जमीन आती है इसका मतलब ये कहीं भी ट्यूबबेल लगा लें। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिल रही है कि कुछ अधिकारियों की जेबें भर ये बोर हो रहा है। मैं जल्द इन अधिकारियों को कोर्ट में घसीटूंगा।

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