एनसीईआरटी पुस्तकों में सिख इतिहास को शामिल करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ की बैठक

0
905
Spread the love
Spread the love

New Delhi News : दिल्ली सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1971 के तहत स्थापित वैधानिक निकाय दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने एनसीईआरटी पुस्तकों में सिख इतिहास को शामिल करने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ बैठक कर इस दिशा में एक गंभीर कदम उठाया, ताकि युवा भारतीय पीढ़ी अपनी विरासत के बारे में जान सकें। प्रकाश जावड़ेकर के साथ बैठक में प्रीती सप्रू, संजय सप्रू, मनजीत सिंह और सिख समुदाय के नामचीन व्यक्तित्व भी शामिल थे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य सिख गुरुओं से जुड़े इतिहास से संबंधित था, जो सामान्य रूप से भारतीय समाज के उत्थान और विशेष रूप से दलित भारतीयों के उत्थान के लिए काम करते थे। हालांकि, अफसोस की बात है कि सिखों का इतिहास विद्यालय के पाठ्यक्रम में कहीं भी नहीं है। इस बैठक में सिखों के गौरवशाली अतीत के मद्देनजर सरकारों द्वारा बरती गई लापरवाही और अन्याय को भी मुद्दा बनाया गया था। मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिनिधमंडल की बातों को गंभीरता से न केवल सुना, बल्कि गंभीर कदम उठाने का भरोसा भी दिया।

उल्लेखनीय है कि बैठक में सिख इतिहास के गहन विषयों, मसलन- गुरु नानक, गुरु अर्जुन देव, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह, गुरु के दो छोटे पुत्र, बाबा बांदा सिंह बहादुर, इतिहास का आठवां सदी, महाराजा रणजीत सिंह, और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सिख समुदाय की भागीदारी को एनसीईआरटी पुस्तकों के एक या दो अध्यायों में शामिल करने का अनुरोध किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here